कश्मीर घाटी में टेरर फंडिंग के मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एनआईए ने तीन अलगाववादी नेताओं शब्बीर शाह, आसिया आंद्राबी, और मशरत आलम को गिरफ्तार कर दिल्ली की एक स्पेशल कोर्ट के सामने पेश किया, जहाँ से उन्हें 10 दिन की एनआईए कस्टडी में भेज दिया गया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बतौर केंद्रीय गृह मंत्री पदभार संभालने के हफ्ते भर के भीतर ही कश्मीर में आतंक के खिलाफ यह पहली बड़ी कार्रवाई है।
NIA gets 10-day custody of separatist Shabbir Shah, Asiya Andrabi, Masarat Alam Bhat. pic.twitter.com/7kSgNAy9gU
— ANI (@ANI) June 4, 2019
दरअसल, यह मामला 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के सरगना और जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल की अदालत में बंद कमरे में चल रही सुनवाई के दौरान तीनों को गिरफ्तार किया और 15 दिनों तक उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की माँग की। आरोपियों के वकील एम एस खान ने बताया कि आसिया और शाह अलग-अलग मामलों में पहले से ही हिरासत में हैं, जबकि आलम को ट्रांजिट रिमांड पर जम्मू- कश्मीर से लाया गया था।
एनआईए ने 2018 में सईद, एक अन्य आतंकवादी सरगना सैयद सलाउद्दीन और दस कश्मीरी अलगाववादियों के खिलाफ घाटी में आतंकवादी गतिविधियों के लिये कथित तौर पर धन मुहैया कराने और अलगाववादी गतिविधियों के मामले में आरोपपत्र दायर किया था। आरोपियों के खिलाफ जिन अपराधों के तहत आरोपपत्र दायर किया गया है, उनमें आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और गैर कानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के विभिन्न प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध शामिल है।
गौरतलब है कि, 30 मई 2017 को एनआईए ने अलगाववादी नेताओं और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कुछ अज्ञात सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस मामले में पहली गिरफ्तारी 24 जुलाई 2018 को हुई थी। इन पर हिजबुल मुदाहिदीन, दुख्तरन-ए-मिल्लत और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर आतंक के लिए धन जुटाने (टेरर फंडिंग) का आरोप है।