टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक और चार अन्य कश्मीरी अलगाववादियों के ख़िलाफ़ दिल्ली की अदालत में शुक्रवार (4 अक्टूबर) को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में इन पर आरोप लगाया गया कि इन्होंने कथित तौर पर आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने की साज़िश रची थी।
3,000 पन्नों की चार्जशीट में कहा गया है कि पाकिस्तान उच्चायोग ने घाटी में अशांति पैदा करने के लिए अलगाववादियों को पैसा मुहैया कराया था। NIA के अनुसार, मलिक और शब्बीर शाह के बीच हुई ईमेल से पाकिस्तान और अन्य देशों के बीच हुए फंड ट्रांसफर के बारे में पता चला है। इस बात का भी पता चला है कि यासीन मलिक कश्मीर में अशांति और आतंकवाद का माहौल बनाने के लिए हवाला चैनलों के माध्यम से विदेशों से फंड प्राप्त कर रहा था। फंड ट्रांसफर के ज़रिए अलगाववादी और अन्य नेटवर्क का समर्थन करने में पाकिस्तान हाई कमीशन की अहम भूमिका रही है, इसका मक़सद घाटी में अशांति फैलाना था।
जाँच एजेंसी ने यासीन मलिक के अलावा, दुख्तारन-ए-मिलत प्रमुख आसिया अंद्राबी; J&K डेमोक्रेटिक फ़्रीडम पार्टी के संस्थापक शब्बीर शाह; J&K मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मसर्रत आलम और पूर्व विधायक और अवामी इत्तेहाद पार्टी के अध्यक्ष अब्दुल रशीद शेख को आरोपी बनाया है।
NIA ने दावा किया कि पाँचों आरोपितों ने आपस में मिलकर हिंसक गतिविधि की साज़िश रची। आरोपितों ने बड़े पैमाने पर आर्थिक क्षति पहुँचाने के लिए प्रशासनिक मशीनरी को नष्ट करने और प्रशासन के प्रति लोगों को उकसाने की साजिश रची थी।
आरोप पत्र में कहा गया है कि आसिया अंद्राबी का कनेक्शन, आतंकियों और आतंकी संगठनों के लिए पाकिस्तान से खुफ़िया तौर पर फंड लेने वाले श्रीनगर के व्यापारी जहूर वटाली से था।