बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे धमाका मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने पश्चिम बंगाल से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि यह दोनों धमाके के मुख्य आरोपित आतंकी अब्दुल मतीन ताहा और मुस्सविर हुसैन शाजेब हैं। इन दोनों से पूछताछ की जा रही है।
यह जानकारी सामने आई है कि NIA ने इन दोनों को कोलकाता के नजदीक किसी जगह से गिरफ्तार किया है। यह दोनों लम्बे समय से फरार थे। NIA ने इनके ऊपर ₹10-10 लाख इनाम रखा हुआ था। बताया गया कि यह दोनों यहाँ अपनी पहचान बदल कर रह रहे थे। इससे पहले इनके चेन्नई में छुपे होने की जानकारी सामने आई थी। इन दोंनो के नाम बदल कर यात्रा और होटल में रुकने का भी खुलासा हुआ था।
The absconders in the #RameswaramCafe blast case, Adbul Matheen Taha and Mussavir Hussain Shazeb were traced out to their hideout near Kolkata and were apprehended by the NIA team.
— DD News (@DDNewslive) April 12, 2024
Mussavir Hussain Shazib is the accused who placed the IED at the Café and Abdul Matheen Taha is… pic.twitter.com/Z2BkouEsje
NIA ने बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे धमाका मामले में एक आरोपित मुजम्मिल शरीफ को गिरफ्तार किया था। इस पर आरोप है कि इसने आतंकी अब्दुल मतीन ताहा और मुवस्सिर हुसैन को छुपने और शहर छोड़ कर भागने में सहायता की थी। उसने बम बनाने के लिए भी सामान इन आतंकियों को उपलब्ध करवाया था। वह अभी NIA की गिरफ्त में है और उससे पूछताछ चल रही है।
बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में धमाके की योजना बनाने वाले आतंकी अब्दुल मतीन ताहा ने हिन्दू नाम विग्नेश डी और सुमित अपनाए हुए थे। इनका उपयोग वह अलग अलग जगह जाने और रहने में करता था। रामेश्वरम कैफे जाकर धमाके को अंजाम देने वाला मुस्सविर हुसैन, मोहम्मद जुनैद सैयद नाम के पहचान पत्रों पर फर्जी दस्तावेज बनाए हुए था।
NIA ने इन दोनों भगोड़े आतंकियों की तस्वीर जारी करके इनके विषय में जानकारी देने को कहा था। बताया गया है कि यह दोनों 2020 से ही गायब थे। यह अल हिन्द मॉड्यूल में शामिल थे। NIA की दबिश पर यह गायब हो गए थे। इसके बाद से यह आतंक की प्लानिंग कर रहे थे। इन्होने मिलकर बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में मार्च 2023 में धमाके को अंजाम दिया।
गौरतलब है कि 1 मार्च, 2024 को बेंगलुरु के वाइटफील्ड इलाके में स्थित रामेश्वरम कैफे में दोपहर में एक धमाका हुआ था। इस धमाके में 9 लोग घायल हुए थे। धमाके के पीछे की जानकारी बाद में निकल कर सामने आई थी। इसके बाद इस मामले की जाँच NIA ने चालू कर दी थी। तब से ही एजेंसी उनको पकड़ने का प्रयास कर रही थी।