राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार (12 जनवरी 2024) को ‘फिदायीन’ (आत्मघाती) हमले की साजिश रचने के मामले में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आठ आतंकियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। इनमें एक आजीवन कारावास की सजा पाया और दो भगोड़े आतंकवादी शामिल हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई ने के अनुसार, सभी आठ आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC), गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम (Arms Act) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।
National Investigation Agency (NIA) today charge-sheeted eight persons, including a life convict and two absconders, in a Lashkar-e-Taiba (LeT) Prison radicalization and ‘fidayeen’ (suicide) attack conspiracy case. All eight accused persons have been charge-sheeted under various…
— ANI (@ANI) January 12, 2024
यह मामला मूल रूप से बेंगलुरु सिटी पुलिस ने दर्ज किया था, जिसमें 18 जुलाई 2023 को सातों आतंकी एक साथ जुटे थे। सातों आतंकियों के कब्जे से हथियार, गोला-बारूद, हथगोले और वॉकी-टॉकी बरामद किए गए थे। इस मामले की NIA ने अक्टूबर 2023 में जाँच अपने हाथों में ली थी। इसके बाद सामने आया कि कई बम धमाकों में शामिल रहा टी नसीर साल 2017 में बेंगलुरु जेल में बंद रहने के दौरान इन आतंकियों के संपर्क में आया था। उसी ने सबको लश्कर की विचारधारा से जोड़ा और उन्हें फिदायीन बनने के लिए प्रेरित किया।
एनआईए के आरोप पत्र में बताया गया है कि बेंगलुरु जेल में बंद रहे सभी आतंकी अलग-अलग वारदातों में जेल पहुँचे थे। इनमें से एक सलमान खान POCSO Act के तहत जेल में बंद था, जबकि अन्य हत्या के आरोप में जेल में बंद थे। टी नसीर ने उन्हें न सिर्फ एकजुट किया, बल्कि सभी को आतंकी वारदातों में शामिल होने के लिए तैयार किया।
आरोप पत्र में शामिल आतंकवादियों में केरल के कन्नूर का रहने वाला टी नसीर 2013 से बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है, जबकि जुनैद अहमद उर्फ जेडी और सलमान खान के विदेश भाग जाने का संदेह है। अन्य की पहचान सैयद सुहैल खान उर्फ सुहैल, मोहम्मद उमर, जाहिद तबरेज, सैयद मुदस्सिर पाशा और मोहम्मद फैसल रब्बानी उर्फ सदत के रूप में हुई है।
एनआईए ने आगे बताया कि टी नसीर ने देखा कि ये सभी आतंकी बन सकते हैं तो उसने इन सभी को धीरे-धीरे अपनी बैरक में शिफ्ट करा लिया। धीरे-धीरे इन्हें कट्टरपंथी बनाने लगा और लश्कर की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए जुनैद और सलमान को मना लिया। उसने उसने जुनैद के साथ मिलकर अन्य आरोपियों को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने की साजिश रची।
माना जाता है कि जेल से रिहा होने के बाद जुनैद कुछ और अपराध करने के बाद विदेश भाग गया। NIA के अनुसार, जुनैद ने जेल के भीतर और बाहर आतंकी लश्कर की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अपने साथियों को विदेश से धन भेजना शुरू कर दिया। उसने अपने साथियों को पुलिस की इस्तेमाल की गई कैप चुराने और हमले के अभ्यास के तौर पर सरकारी बसों में आगजनी करने का भी निर्देश दिया।
NIA के अनुसार, “जुनैद ने ‘फिदायीन’ हमले को अंजाम देने और नसीर को अदालत जाने के दौरान रास्ते में पुलिस हिरासत से भगाने में मदद करने के लिए सलमान के साथ मिलकर साजिश रची और इसके लिए हथियार, गोला-बारूद, हथगोले और वॉकी-टॉकी पहुँचाया।” एजेंसी ने कहा कि पिछले साल जुलाई में हथियार आदि की जब्ती के साथ साजिश को नाकाम कर दिया गया था।