Tuesday, November 19, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाJ&K: मोबाइल-इंटरनेट-स्कूल-कॉलेज बंद, धारा 144 लागू - सुरक्षा के लिहाज से मुफ्ती, अब्दुल्ला समेत...

J&K: मोबाइल-इंटरनेट-स्कूल-कॉलेज बंद, धारा 144 लागू – सुरक्षा के लिहाज से मुफ्ती, अब्दुल्ला समेत कई नेता ‘नजरबंद’

कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। पुलिस अधिकारियों और जिला मैजिस्ट्रटों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं। अधिकारियों ने...

जम्मू-कश्मीर में कड़ी सुरक्षा को लेकर चल रही हलचल के बीच कई बड़े नेताओं को उनके घरों में ‘नजरबंद’ कर दिया गया है ताकि उनकी सुरक्षा कॉम्प्रोमाइज न हो। इस सूची में मुख्यत: पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्लाह का भी नाम है। इनके अलावा पीपल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन को लेकर भी यही खबर है। जानकारी के मुताबिक इन नेताओं के अलावा राज्य में पूर्व विधायकों सहित कई अन्य मुख्यधारा के नेताओं को भी अपने निवास स्थान से बाहर निकलने के लिए मना किया गया है

धारा 144 लागू

राज्य प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से श्रीनगर में अनिश्चितकाल तक धारा 144 लगा दी है। इस आदेश के तहत इलाके में लोगों की किसी तरह की आवाजाही नहीं हो सकेगी और सभी शैक्षणिक संस्थान भी बंद रहेंगे। खबरों के मुताबिक कई शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों को होस्टल खाली करने के लिए भी कहा गया है।

इंटरनेट बंद, अधिकारियों को सैटेलाइट फोन

इसके अलावा कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। पुलिस अधिकारियों और जिला मैजिस्ट्रटों को सैटेलाइट फोन दिए गए हैं। अधिकारियों ने आतंकवादी खतरे और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर शत्रुता बढ़ने के बीच अहम प्रतिष्ठानों और संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है।

इन्हीं परिस्थितियों के मद्देनजर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को उनके घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई है। दोनों नेताओं ने इस बात की जानकारी अपने ट्वीटर अकॉउंट के जरिए दी है।

महबूबा ने ट्वीट किया, “कैसी विडंबना है कि हमारे जैसे शांति के लिए लड़ने वाले जनप्रतिनिधियों को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। दुनिया देख रही है कि जम्मू-कश्मीर में कैसे लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है।”

वहीं, उमर अब्दुल्ला कल अपने पहले ट्वीट में लिखते हैं, “मुझे लगता है कि मुझे आज आधी रात से घर में नजरबंद किया जा रहा है और मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गई है।” उन्होंने परिस्थितियों को लेकर कहा कि इनकी सच्चाई जानने का कोई तरीका नहीं है लेकिन अगर यह सच है तो फिर आगे देखा जाएगा। 

इसके बाद अपने एक अन्य ट्वीट में वे लिखते हैं, “कश्मीर के लोगों के लिए हमें नहीं मालूम कि क्या चल रहा है लेकिन मुझे पूरा भरोसा है कि अल्लाह ने जो भी सोचा है वह हमेशा बेहतर होगा। हमें यह शायद अभी नजर न आए लेकिन हमें कभी उनके तरीकों पर शक नहीं करना चाहिए।” अपने ट्वीट में उमर ने हर किसी को गुड लक कहते हुए कहा है कि वे सभी सुरक्षित रहें और सबसे महत्तवपूर्ण है कि शांति बनाए रखें।

बता दें कि कश्मीर की स्थिति को लेकर अनिश्चितता की स्थिति शुक्रवार (अगस्त 2, 2019) को शुरू हुई थी, जब राज्य प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा को 14 दिन पहले ही रद्द करते हुए यात्रियों और पर्यटकों को जल्द-से-जल्द घाटी को ख़ाली करने के लिए कह दिया था।

अब ऐसे में सबकी निगाहें दिल्ली में होने वाली बैठक पर लगी हुई है, जो आज सुबह 9:30 बजे प्रधानमंत्री मोदी अपने निवास स्थान पर करने वाले हैं। वहीं, पाकिस्तान के इस्लामबाद में भी आज दोपहर 2 बजे कश्मीर मामलों की संसदीय समिति की बैठक बुलाई गई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -