Sunday, December 22, 2024
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अब ‘मेक इन इंडिया’ होगा C-295, वायुसेना के इस विमान में क्या है खास: PM मोदी ने एयरबस-टाटा के जिस प्लांट का किया उद्धाटन, उसके बारे में जानिए सब कुछ

वडोदरा की फैक्ट्री में इनमें सारे सिस्टम और इंजन समेत बाकी पुर्जे लगाए जाएँगे जबकि इनकी बॉडी हैदराबाद में तैयार की जाएगी। हैदराबाद में स्थित टाटा की फैक्ट्री में ही बॉडी का निर्माण होगा। यह फैक्ट्री अन्य विमानों बॉडी का निर्माण भी करती है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो संशेज के साथ गुजरात के वडोदरा में C-295 विमान फैक्ट्री का उद्घाटन किया है। यह विमान ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम के तहत एयरबस और टाटा मिलकर बनाएँगी। इनका उपयोग भारतीय वायुसेना करेगी। पीएम मोदी ने इस दौरान रक्षा क्षेत्र को बढ़ाने के लिए उठाए गए क़दमों पर भी बात की है।

वडोदरा में बनी इस फैक्ट्री के उद्घाटन पर पीएम मोदी ने कहा, “भारत में डिफेन्स निर्माण का इकोसिस्टम नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। अगर हमने 10 साल पहले ठोस कदम नहीं उठाए होते तो आज यह संभव नहीं होता… हमने डिफेन्स निर्माण में निजी सहभागिता को बढ़ाया है और सरकारी कम्पनियों को किफायती बनाया है।”

पीएम मोदी ने इस दौरान टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को याद किया और कहा कि यदि वह इस मौके पर मौजूद होते तो काफी खुश होते। रतन टाटा का हाल ही में बीमारी के चलते निधन हो गया था। पीएम मोदी ने कहा कि जहाँ भी रतन टाटा की आत्मा होगी, वह प्रसन्न होगी।

वडोदरा में जिस फैक्ट्री का पीएम मोदी और स्पेन के पीएम ने उद्घाटन किया है, वह भारत की पहली निजी क्षेत्र की विमान निर्माण फैक्ट्री है। इससे पहले मात्र हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ही देश में विमानों का निर्माण करती रही है।

कौन से एयरक्राफ्ट बनेंगे, भारत को क्या फायदा?

वडोदरा में एयरबस और टाटा की संयुक्त फैक्ट्री में एयरबस के ही C-295 विमानों का निर्माण होगा। यह निर्माण वायुसेना के आर्डर के लिए किया जाएगा। भारतीय वायुसेना ने 2021 में 56 C-295 विमानों का आर्डर दिया था। इनमें से 16 विमान स्पेन से तैयार होकर आएँगे जबकि बाक़ी 40 का निर्माण भारत में ही होगा।

वडोदरा की फैक्ट्री में इनमें सारे सिस्टम और इंजन समेत बाकी पुर्जे लगाए जाएँगे जबकि इनकी बॉडी हैदराबाद में तैयार की जाएगी। हैदराबाद में स्थित टाटा की फैक्ट्री में ही बॉडी का निर्माण होगा। यह फैक्ट्री अन्य विमानों बॉडी का निर्माण भी करती है।

भारत में निजी क्षेत्र में विमान बनाने का यह पहला मौका है। इसके चलते देश में विमान पुर्जों का सप्लायरों का जला बिछ सकेगा और आगे भविष्य में भारत से विमानों का निर्यात भी संभव हो सकेगा। इसके अलावा यदि वायुसेना या नौसेना इसी तरह के और भी विमान आर्डर करती है, तो उन्हें यह जल्दी हासिल हो सकेंगे।

इस फैक्ट्री के चलते बड़ी संख्या में नौकरियाँ भी पैदा होंगी। भारत में इसके चलते विमान निर्माण का इकोसिस्टम बन सकेगा। साथ ही में वायुसेना को अपने पायलट समेत बाकी टीमों को स्पेन नहीं भेजना पड़ेगा। उनकी ट्रेनिंग भी यहीं हो सकेगी।

वायुसेना की बढ़ेगी ताकत

वायुसेना ने इन एयरबस विमानों का ऑर्डर अपने पुराने HS-748 विमानों को हटाने के लिए दिया है। HS-748 लगभग 60 साल पुराने हो गए हैं और आधुनिक समय के हिसाब से काम नहीं कर पाते। जबकि C-295 आधुनिक सिस्टम से लैस हैं और इनमे सैन्य साजोसामान ढोना अपेक्षाकृत आसान है। इसके अलावा इनकी क्षमता भी अधिक है और रखरखाव भी कम है।

सैन्य जानकारों का कहना है यदि वायुसेना को यह विमान शुरू में पसंद आए तो एक और ऑर्डर एयरबस और टाटा को मिल सकता है। वायुसेना को HS-748 के अलावा अपने पुराने हो रहे AN-32 विमान भी बदलने हैं। यदि वायुसेना इन्हें बदलने के लिए C-295 चुनती है तो यह काफी बड़ा ऑर्डर होगा।

क्या हैं इस विमान की क्षमताएँ

टाटा और एयरबस द्वारा मिलकर बनाया जा रहा यह विमान कई मायनों में ख़ास है। यह मूल रूप से एक कार्गो ट्रांसपोर्ट विमान है। इसका मुख्य उद्देश्य सैन्य साजोसामान या फिर सैनिकों को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाना है। दो पायलटों द्वारा उड़ाया जाने वाला यह विमान, 73 सैनिकों को एक बार में लेकर जा सकता है।

यह विमान एक बार में लगभग 9 टन सामान ले जा सकता है। यह विमान एयर एम्बुलेंस की तरह भी काम कर सकता है। इसके अलावा यह विमान हथियार तक ले जा सकता है। इसे उतरने के लिए भी कोई विशेष रनवे की आवश्यकता नहीं होती। ऐसे में यह दुर्गम क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना की मदद के लिए काम आएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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