बृहस्पतिवार (14 फरवरी) को कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी आत्मघाती हमले में CRPF के 42 जवान शहीद हो गए। जवानों की शहादत के बाद से पूरे देश में मातम का माहौल छाया हुआ है। कई परिवार बिलख रहे हैं, तो कई अपनों की शहादत का बदला चाहते हैं। इन शहीदों में एक नाम रतन ठाकुर का भी है। बता दें कि रतन ठाकुर की पत्नी राजनंदनी गर्भवती हैं, उन्हें आज भी ये उम्मीद है कि उनके पति शायद वापस आ जाएँ। पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
रतन ठाकुर भागलपुर के कहलगाँव के रहने वाले थे। रतन के पिता निरंजन ने बताया कि दोपहर डेढ़ बजे रतन ने पत्नी राजनंदनी को फोन करके यह बताया था कि वो श्रीनगर जा रहे हैं और शाम तक वहाँ पहुँच जाएँगे। शाम को उनके पिता के पास रतन के ऑफिस से फोन आया और उनके किसी अन्य नंबर के बारे में पूछा गया।
शहीद जवान रतन के पिता ने बताया कि उन्हें हालात के अंदेशा हो गया था जिसकी पुष्टि टीवी देखते समय हो गई। उन्होंंने बताया कि टीवी ऑन करते ही उनका दिल बैठ गया। उन्हें एक अजीब सा डर लग रहा था। उन्होंने कहा कि उनका डर सही निकला उनका बेटा भी उन जवानों के साथ शहीद हो गया।
पत्नी से किया था होली पर घर आने का वादा
रतन ठाकुर ने अपनी पत्नी से होली पर आने का वादा किया था और इसी इंतज़ार में उनकी पत्नी के दिन कट रहे थे। बता दें कि रतन सिंह का चार साल का बेटा भी है जो कहता है कि उसके पिता ड्यूटी पर हैं। चार साल के इस बच्चे को हर पल अपने पिता का इंतज़ार रहता है।
रतन सिंह को याद करते हुए उनके पिता ने बताया कि एक दिन पहले ही उन्होंने बेटे से बात की थी। घर में छोटी बेटी का ज़िक्र करते हुए उन्होंने उसकी शादी के बारे में अपने बेटे से बात की थी। इस पर बेटे का जवाब था कि चिंता मत करो हम हैं, सब निपट जाएगा। बेटे के इन्हीं आख़िरी शब्दों को याद करते हुए उनके पिता बिफर पड़ते हैं।
रतन के पिता का कहना है कि वो अपना दूसरा बेटा भी सरहद पर भेजने को तैयार हैं, बस उन्हें अपने शहीद बेटे की शहादत का बदला पाकिस्तान से मिलना चाहिए। एक पिता के इस जज़्बे और शहीद बेटे को ऑपइंडिया की ओर से शत्-शत् नमन।