Sunday, November 17, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाजाटों और गुर्जरों को एकजुट कर के रोक लिया था हिन्दुओं का नरसंहार, भड़के...

जाटों और गुर्जरों को एकजुट कर के रोक लिया था हिन्दुओं का नरसंहार, भड़के सिद्दीक कप्पन ने जारी किया था कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा की मौत का फरमान

कप्पन के पकड़े जाने की खबर सुन कर बदरुद्दीन और फिरोज खान डर गए। उन्होंने अपना प्लान कैंसिल कर दिया था। हाथरस की घटना के चार महीने बाद फरवरी 2021 में UP ATS ने बदरुद्दीन और फ़िरोज़ खान को गिरफ्तार कर लिया। उन पर आरोप है कि ये दोनों लखनऊ और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में विस्फोट करने वाले थे।

UAPA के तहत 2 साल से ज्यादा समय तक जेल काटने वाले केरल के कथित पत्रकार सिद्दीक कप्पन के बारे में नई जानकारी सामने आई है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सिद्दीक कप्पन ने आतंकी संगठन PFI को भाजपा नेता कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा की हत्या का निर्देश दिया था। इस मामले के खुलासा NIA (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी) द्वारा PFI कमांडर कमाल केपी से हुई पूछताछ के बाद हुआ है। UP ATS द्वारा गिरफ्तार कमाल केपी फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद है।

केरल के एक स्थानीय मलयालम मीडिया आउटलेट जन्मभूमि ने मंगलवार (19 मार्च, 2024) को इस बाबत एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में 2020 के हिन्दू विरोधी दंगों में प्रतिबंधित आतंकी संगठन PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) के सदस्य हिन्दुओं को बहुत बड़े स्तर पर नुकसान पहुँचाने में नाकाम रहे थे। इसकी वजह सिद्दीक कप्पन भाजपा नेता कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा को मानता था। उसे लगता था कि कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा ने गुर्जरों और जाटों को हिंसा कर रहे उपद्रवियों के खिलाफ एकजुट किया।

कप्पन को लगता था कि जाटों और गुर्जरों के कड़े प्रतिरोध की वजह से हिंसक भीड़ हिन्दुओं को उतना नुकसान नहीं पहुँचा सकी जितना साजिशकर्ता PFI के सदस्यों का इरादा था। वह हिन्दुओं द्वारा दिखाए गए इस प्रतिरोध की वजह कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा को मानता था। बताया जा रहा है कि सितंबर 2020 में केरल के मलप्पुरम की मंजरी नाम की जगह पर एक मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में PFI की हिट स्क्वाड का कमांडर कमाल केपी अपने सहयोगियों बदरुद्दीन और फ़िरोज़ खान के साथ मौजूद था।

तब सिद्दीक कप्पन ने इस सभा को सम्बोधित करते हुए कहा था कि जाटों और गुर्जरों को एकजुट कर के कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा ने वो कर दिखाया जो दिल्ली पुलिस भी नहीं कर पाई। अंत में उसने PFI की हिट स्क्वायड को निर्देश दिया कि वो कपिल मिश्रा और परवेश वर्मां की हत्या कर दें। इस साजिश का खुलासा PFI के हिट स्क्वाड गैंग के कमांडर कमाल केपी से NIA की पूछताछ के बाद हुआ। उस पर साल 2020 में हाथरस में दलित महिला की मौत के बाद हाथरस में अशांति फैलाने का आरोप है।

केरल के मलप्पुरम निवासी कमाल को उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने 3 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था। तब से वह लखनऊ की जेल में बंद है। कमाल केपी PFI के हिट स्क्वायड के अन्य सदस्यों बदरुद्दीन और फ़िरोज़ खान का लीडर था। कमाल की तरह बदरुद्दीन और फ़िरोज़ को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। कमाल केपी पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) के टॉप 5 सदस्यों में से एक है। दावा यह भी किया गया है कि बदरुद्दीन और फ़िरोज़ खान सिद्दीक कप्पन के साथ दिल्ली भी आए थे। यहाँ ये तीनों एक साथ राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन (NCHRO) के ऑफिस में भी गए थे।

दिल्ली दंगों के महज कुछ ही दोनों बाद उत्तर प्रदेश में हाथरस की घटना हुई थी। तब सिद्दीक कप्पन एक कार से हाथरस जा रहा था। आरोप है कि इस कार में PFI की छात्र शाखा CFI (कैम्पस फ्रंट ऑफ़ इंडिया) के कुछ अन्य सदस्य भी सवार थे। वहीं बदरुद्दीन और फ़िरोज़ को एक दूसरी कार से कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा को ठिकाने लगाने के टारगेट पर भेजा गया था। यह साजिश तब फेल हो गई जब 5 अक्टूबर 2020 को UP पुलिस ने हाथरस जाते समय कप्पन को गिरफ्तार कर लिया गया था।

कप्पन के पकड़े जाने की खबर सुन कर बदरुद्दीन और फिरोज खान डर गए। उन्होंने अपना प्लान कैंसिल कर दिया था। हाथरस की घटना के चार महीने बाद फरवरी 2021 में UP ATS ने बदरुद्दीन और फ़िरोज़ खान को गिरफ्तार कर लिया। उन पर आरोप है कि ये दोनों लखनऊ और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में विस्फोट करने वाले थे। दोनों के पास से बंदूकें और विस्फोटक भी बरामद हुए थे। पूछताछ में इन दोनों ने अपने लीडर के तौर पर कमाल केपी का नाम लिया था। आखिरकार 2 साल तक फरार रहने के बाद 4 मार्च 2023 को कमाल केपी को भी UP ATS ने दबोच लिया। उसे लखनऊ जेल में रखा गया जहाँ NIA ने उस से पूछताछ की। दावा किया जा रहा है कि इसी पूछताछ में कमाल केपी ने कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा की हत्या की साजिश का खुलासा किया।

बताया यह भी जा रहा है कि फ़िरोज़ खान और बदरुद्दीन ने भी मजिस्ट्रेट को दिए बयान में यह कबूल किया है कि कमाल केपी की तरफ से उन्हें दोनों भाजपा नेताओं की हत्या के निर्देश दिए गए थे। इसी बयान में इन दोनों आरोपितों ने आगे बताया था कि सिद्दीकी कप्पन ने PFI के इस हिट दस्ते को भाजपा नेताओं की हत्या के लिए तैयार करने वाली मानसिक ट्रेनिंग दी थी। UP पुलिस की चार्जशीट में भी यह बताया गया है कि कप्पन प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) का सदस्य है।

कप्पन को 9 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने UAPA एक्ट के तहत जमानत दे दी थी। जमानत का आधार उसके मीडिया में काम करने को बनाया गया था। हालाँकि अपने खिलाफ चल रहे धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के एक अन्य मुकदमे की वजह से वह जेल में ही रहा था। इस केस में भी उसे फरवरी 2023 में लखनऊ की सत्र अदालत से जमानत मिल गई थी। इसके बाद लगभग 26 माह तक जेल में रहे कप्पन की रिहाई सम्भव हो पाई थी थी। हालाँकि फिरोज खान, कमाल केपी और अंशद बदरुद्दीन अभी भी लखनऊ जेल में बंद हैं।

बताते चलें कि 24 और 25 फरवरी 2020 को भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बड़े पैमाने पर हिंदू विरोधी दंगे हुए थे। ये दंगे लम्बे समय से शाहीन बाग और अन्य क्षेत्रों में चरमपंथियों द्वारा CAA को ले कर फैलाई गई नफरत की उपज थे। इन दंगों में शाहदरा, मौजपुर, भजनपुरा, ब्रह्मपुरी और पूर्वोत्तर दिल्ली के अन्य हिस्सों सबसे अधिक प्रभावित हुए। इन दंगों में 53 लोगों की जान चली गई थी जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। मृतकों और घायलों में दिल्ली पुलिस के स्टाफ भी शामिल हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -