जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के जरिए पाकिस्तान में एमबीबीएस की सीटें खरीदने का मामला सामने आया है। इस मामले में राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बुधवार (18 अगस्त 2021) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी कि हुर्रियत टेरर फंडिंग के जरिए केंद्र शासित प्रदेश के छात्रों के लिए पाकिस्तान में मेडिकल सीटें खरीदने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
डीजीपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में ‘साल्वेशन मूवमेंट’ का अध्यक्ष मोहम्मद अकबर भट उर्फ जफर भट, फातिमा शाह, मोहम्मद अब्दुल्ला शाह और शबज़ार अहमद शेख शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर मोहम्मद अब्दुल्ला शाह का भाई 90 के दशक में पाकिस्तान में जाकर बस गया था और वहाँ से वो हुर्रियत के सूत्रधार के रूप में काम करता था।
Mohammed Akbar Bhat alias Zafar Bhat, who is chairman of the salvation movement, Fatima Shah, Mohammed Abdullah Shah, and Shabzar Ahmed Sheikh were arrested. Brother of Mohammed Abdullah Shah went to Pakistan in ’90s & working as a facilitator of Hurriyat: J&K DGP Dilbagh Singh pic.twitter.com/PjgiBKwnhL
— ANI (@ANI) August 18, 2021
डीजीपी दिलबाग सिंह ने यह भी बताया है कि केस की जाँच चल रही है और अन्य आरोपियों का विवरण फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
Details of other accused can’t be shared right now. The investigation is underway: J&K Director General of Police (DGP) Dilbagh Singh
— ANI (@ANI) August 18, 2021
मीडिया के सवालों के जवाब में सिंह ने खुलासा किया कि जम्मू-कश्मीर के कम से कम 57 मामले ऐसे थे, जिसमें छात्र वीजा पर सीमा पार गए और आतंकवादी बनकर लौटे। इनमें से 17 को एनकाउंटर में ढेर किया जा चुका है। इसके अलावा लगभग 14 से 15 अभी भी विभिन्न आतंकी संगठनों में आतंकवादी के रूप में सक्रिय हैं, जबकि अन्य 17 को किसी न किसी आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया गया है।
#NewsAlert | J&K DGP Dilbag Singh briefs media’ says, ‘4 people have been arrested in connection with procuring MBBS seats for students from #JammuAndKashmir in #Pakistan via Hurriyat & terror funding’. pic.twitter.com/FBWLrXt9qZ
— TIMES NOW (@TimesNow) August 18, 2021
सिंह ने आगे बताया कि पाकिस्तान में एक दर्जन से भी कहीं ज्यादा आतंकी शिविरों के सक्रिय होने का संदेह है। उन्होंने आगे कहा, “संख्या 57 से अधिक हो सकती है। ये 57 हमारे संज्ञान में आए। हम ऐसे और मामलों का पता लगाने की दिशा में काम कर रहे हैं, जहाँ लोग छात्र वीजा (पाकिस्तान) पर गए थे, लेकिन उनकी अब तक कोई सूचना ज्ञात नहीं हैं।”