जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-A के निरस्त होने के बाद से ही घाटी में दहशत और आतंक फैलाने वाले आतंकी बौखला गए हैं। इसी बौखलाहट में आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के लोगों को धमकी दी है। भारतीय सेना के अनुसार, आतंकवादी समूहों ने कश्मीर घाटी में दुकानें और स्कूल खोले जाने के विरोध में कई जगहों पर पोस्टर्स लगाकर स्थानीय लोगों को धमकी दी है। इन पोस्टर्स में महिलाओं को बाहर न निकलने की धमकी दी गई है और उन्हें घरों के भीतर रहने को कहा गया है।
ग़ौरतलब है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर कड़े सुरक्षा घेरे में है। सुरक्षा के मद्देनज़र अभी भी घाटी के अधिकांश क्षेत्रों में संचार लाइन्स की बहाली नहीं की गई है।
सेना के अधिकारियों ने कहा कि आतंकी संगठनों हिज़बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित पोस्टर बरामद किए गए हैं। कुलगाम ज़िले से बरामद हिज़बुल मुजाहिदीन के एक पोस्टर में स्थानीय लोगों को अपने निजी वाहनों को चलाने से मना किया गया है, इसके उन्हें चेतावनी दी गई है।
इनमें से एक पोस्टर में लिखा था,
“हमारे पास कुछ निजी वाहनों के पंजीकरण नंबर हैं जो अभी भी सड़कों पर चल रहे हैं और हम उनके मालिकों को एक अंतिम चेतावनी जारी कर रहे हैं। कोई भी रास्ता नहीं खोला जाना चाहिए। कोई भी महिला सड़क पर नहीं दिखनी चाहिए। महिलाएँ अपने घर में रहें।”
अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादियों ने विशेष रूप से व्यापारियों को चेतावनी दी है कि वो अपनी दुकानें न खोलें, घाटी में बाज़ार बंद रहने चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि 21 अगस्त को तीन आतंकवादियों ने अनंतनाग के ऐशमुकम बाज़ार में व्यापारियों को अपनी दुकानें खोलने के ख़िलाफ़ धमकी दी थी। उसी दिन, चार आतंकवादियों ने पुलवामा ज़िले में व्यापारियों को धमकाया था कि वो कश्मीर के बाहर फल न भेजें।
इसके अलावा, आतंकवादियों ने 24 अगस्त को अनंतनाग में व्यापारियों को दुकानें खोलने से मना किया और अगले दिन, तीन आतंकवादियों ने नाशपाती बेचने वालों के बाग मालिकों को भी धमकी दी। 27 अगस्त को, आतंकवादियों ने व्यापारियों को धमकी दी थी कि अगर वे अपनी दुकानें खोलेंगे तो उनकी दुकानें जला दी जाएँगी।
श्रीनगर के परिमपोरा इलाके में शुक्रवार (30 अगस्त) को अज्ञात बाइक सवार आतंकवादियों ने एक दुकानदार पर ताबड़तोड़ गोलियाँ चला दी थीं। इसके बाद, 65 वर्षीय पीड़ित, गुलाम मोहम्मद ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था।