दिल्ली से गिरफ्तार जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों का देवबंद कनेक्शन सामने आया है। दोनों आतंकियों से पूछताछ के दौरान कई राज खुले। अब उन दोनों आतंकियों को लेकर दिल्ली पुलिस उत्तर प्रदेश के देवबंद रवाना हो गई है, जहाँ उनसे फिर पूछताछ होगी। सोमवार (नवंबर 16, 2020) को बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करते हुए दिल्ली पुलिस ने JeM के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। उनके मोबाइल फोन्स से कई सबूत भी मिले हैं।
इन आतंकियों ने एक व्हाट्सप्प ग्रुप बना रखा था। इस ग्रुप का नाम ‘जिहाद’ था, जिसमें एक पाकिस्तानी सरगना भी जुड़ा हुआ था। उसके ही निर्देश पर ये यहाँ आतंकी कार्रवाइयों को अंजाम दे रहे थे। देवबंद, दिल्ली और तेलंगाना के कई लोग इस ग्रुप में जुड़े थे। चूँकि ये आतंकी कई दिनों तक देवबंद में रुके हुए थे, इसीलिए उन्हें वहाँ ले जाया गया है। आतंकी आतंकी अब्दुल लतीफ मीर व मोहम्मद अशरफ खटाना दिल्ली होकर देवबंद जा रहे थे।
उन्हें वहीं पर खतरनाक हथियार चलाने और बम विस्फोट का प्रशिक्षण दिया जाना था। ‘अमर उजाला’ की खबर के अनुसार, आतंकियों को देवबंद में तो ट्रेनिंग दी ही जाती थी, साथ ही इसके बाद उन्हें ‘बड़ी ट्रेनिंग’ के लिए पाकिस्तान भेजा जाता था। उत्तर प्रदेश से लगती नेपाल सीमा का इस्तेमाल कर ये लोग वहीं से पाकिस्तान के लिए रवाना होते थे। स्पेशल सेल को कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे इनके आतंकी होने का पता चलता है।
पाकिस्तान में बैठे बड़े हैंडलर ने ही इन आतकियों को यूपी जाने को कहा था। उसने बताया था कि देवबंद में उसका अपना आदमी है, जो इन आतंकियों को छोटी ट्रेनिंग देगा। यूपी में आतंकी ट्रेनिंग की बात से खलबली मच गई है और प्रशासन एक्टिव हो गया है। पहले गिरफ्तार किए गए आतंकियों ने हथियार भी यूपी से ही लिए थे। दिल्ली में भी पाकिस्तानी हैंडलर का आदमी होता था, जो इन्हें देवबंद लेकर जाता था।
ये दोनों पिछले 6-8 महीनों से जिहादी बने थे और आतंकी प्रशिक्षण के लिए बेचैन थे। ये जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले से नाराज़ थे और ‘आज़ादी’ के लिए लड़ना चाहते थे। सितम्बर-अक्टूबर में सीमा पर सख्ती होने के कारण ये पाकिस्तान नहीं जा पाए थे। अब पुलिस इनके व इनके साथियों से जुड़े सारे ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर पूरे नेटवर्क का पता लगा रही है।
आतंकियों ने बताया कि वो सोशल मीडिया के माध्यम से मौलाना मसूद अजहर को सुनते थे और पूरी दुनिया में इस्लाम को फैलाना चाहते थे। इसके लिए वो मसूद से जुड़ने की फ़िराक में थे। खबर में ये भी बताया गया है कि ये आतंकी देवबंद के अरशद मदनी व मौलाना मुफ्ती फैजुल वाहिद द्वारा दिए गए व्याख्यान और मुफ्ती मुजफ्फर हुसैन व नजीर अहमद साहा काशी को जम्मू कश्मीर में पढ़ते थे। फेसबुक मैसेंजर के जरिए लाहौर का आफताब मलिक इनसे संपर्क में आया।
Major terror attack foiled, #Terrorists Abdul Latif Mir & Mohammad Ashraf were in contact with their #Pakistan handlers & Deoband leaders. 2 Jaish-e-Mohammad terrorists arrested in Delhi from Millennium Park in Sarai Kale Khan. pic.twitter.com/ov69grxicd
— Abhilash Gundapaneni (@Abhilash4BJP) November 17, 2020
उसने इन्हें फेसबुक पर मसूद अजहर की तस्वीर प्रोफाइल पिक लगाने को कहा। इसके बाद वो जैश के एक गुर्गे के सम्पर्क में आए और कुपवाड़ा में एक आतंकी के जरिए इनके पास हथियार पहुँचाए गए। उनके पास से ‘जम्मू एंड कश्मीर बैंक’ के कार्ड्स और मदरसा का पहचान-पत्र मिला है। अब्दुल लतीफ़ के अब्बू कोर्ट में मुंशी हैं। जम्मू कश्मीर में दोनों ने कई स्थानीय कट्टरपंथियों की मदद से जिहाद का पाठ पढ़ा।
केंद्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने भी कहा था कि देवबंद आतंकवाद की गंगोत्री है, सारे बड़े-बड़े दुनियाँ में जो भी पैदा हुए आतंकवादी, चाहे हाफ़िज सईद हो, बगदादी हो, ये सारे के सारे लोग यहीं से शिक्षा लेते हैं। उन्होंने दावा किया था कि दुनिया में आतंकवाद की घटनाओं का जुड़ाव देवबंद से ही रहा है। साथ ही उदाहरण दिया था कि गुरुकुल से आजतक कोई बच्चा आतंकी नहीं निकला, लेकिन देवबंद से निकले हुए लोग देशभक्त का तो पता नहीं, लेकिन आतंकी जरूर बनते हैं।