त्रिपुरा में अलगाववादियों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय व राज्य सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया है। अलगाववादी संगठन ‘द नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT-SD)’ ने शनिवार (अगस्त 10, 2019) को ‘ मेमोरेंडम ऑफ सेटलमेंट’ पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही इस उग्रवादी संगठन के 88 सदस्य अपने-अपने हथियारों के साथ 13 अगस्त को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर देंगे। NLFT-SD के सभी उग्रवादियों ने मुख्यधारा में लौटने की बात कहते हुए हथियार छोड़ने का संकल्प लिया।
अलगाववादी संगठन ने भारत के संविधान के प्रति आस्था भी जताई। इन उग्रवादियों को Surrender-cum-Rehabilitation Scheme, 2018 के तहत कुछ सुविधाएँ भी दी जाएँगी। त्रिपुरा सरकार आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों व उनके परिवारों के लिए शिक्षा और आवास की व्यवस्था करने में मदद करेगी। संगठन के नेताओं ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुलाकात की। हालाँकि, इस संगठन का एक धड़ा ऐसा भी है जिसने इस समझौते को स्वीकार नहीं किया है। लेकिन सरकार सभी अलगाववादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए कार्य कर रही है।
पांच साल की बातचीत के बाद त्रिपुरा में त्रिपक्षीय समझौता हो गया है, आज केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्येंद्र गर्ग, त्रिपुरा सरकार के प्रतिनिधि और नेशनल लिबरेशन फ्रंट के सबीर देवबर्मा की ओर से समझौते पर हस्ताक्षर किए गए pic.twitter.com/UVKySeZSe0
— दूरदर्शन न्यूज़ (@DDNewsHindi) August 10, 2019
सबीर देवबर्मा के नेतृत्व में चल रहा यह संगठन 1997 से ही गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंधों के दायरे में है। इस संगठन ने भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए सीमा पार भी अपने कैम्प स्थापित कर रखे हैं। 2005-2015 के बीच कम से कम 317 ऐसे वारदात हुए, जिसके लिए इस संगठन को दोषी ठहराया गया। इन घटनाओं में 28 जवानों और 62 नागरिकों की जानें गईं।
Thank you Tripura for yet another landslide victory.
— Amit Shah (@AmitShah) August 2, 2019
The overwhelming mandate for party in the Panchayat elections is an endorsement for State govt and development projects initiated to transform lives of people.
Congratulations to CM @BjpBiplab & karyakartas of @BJP4Tripura. pic.twitter.com/lflnOWTpYV
बता दें कि हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में भाजपा को राज्य में भारी जीत मिली है। त्रिपुरा की 116 जिला परिषद सीटों में से पार्टी को 114 सीटों पर जीत मिली। पंचायत समिति की 419 सीटों में से 411 पर भाजपा ने जीत का परचम लहराया। इतना ही नहीं, ग्राम पंचायतों की 6111 सीटों में से 5916 पर भाजपा ने जीत की पताका लहराई है।