उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने 4 रोहिंग्या घुसपैठियों को पकड़ा है। इनमें तीन औरतें हैं। इनकी पहचान सुकुरा बेगम, मीना जहाँ और ओनारा बेगम के तौर पर हुई है। इनके साथ आमिर हमजा भी पकड़ा गया है। घुसपैठ करने में इनकी मदद बांग्लादेश के सलमान मियाँ ने की। त्रिपुरा निवासी अहमद से भी इन्हें मदद मिलने की बात सामने आई है।
रोहिंग्या घुसपैठियों को कानपुर जंक्शन से 27 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया गया। ये ट्रेन में सवार होकर दिल्ली जा रहे थे। इनके पास से फर्जी दस्तावेज और विदेशी मुद्राएँ भी मिली है। इस मामले की शिकायत ATS के इंस्पेक्टर चैम्पियन लाल ने दर्ज करवाई है। 27 मार्च को दर्ज इस शिकायत में बताया गया है कि मुखबिरों से रोहिंग्या घुसपैठियों के बारे में जानकारी मिली थी।
शिकायत के अनुसार ATS को सूचना मिली थी कि 27 मार्च को पूर्वोत्तर सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस से कुछ संदिग्ध सिलचर से नई दिल्ली जा रहे हैं। ATS ने इनकी घेराबंदी कानपुर जंक्शन पर की। ट्रेन की जनरल बोगी में एक संदिग्ध बैठा दिखा तो उससे पूछताछ की गई। उसके साथ इसी डिब्बे में 3 महिलाएँ भी थी। पूछताछ में संदिग्ध हड़बड़ा गया। इसके बाद चारों को उतारकर कस्टडी में ले लिया गया।
इन लोगों को कस्टडी में लेकर ATS अपने साथ लखनऊ मुख्यालय पहुँची। यहाँ पूछताछ में 21 वर्षीय युवक ने अपना नाम आमिर हमजा बताया और अपने साथ मौजूद तीनों महिलाओं को म्यांमार का निवासी बताया। आमिर हमजा के पास से एक मोबाइल फोन मिला। इसमें जियो और एयरटेल के भारतीय सिम लगे थे। उसके पास से त्रिपुरा के पते का चार फर्जी आधार कार्ड भी मिला।
आमिर हमजा के साथ पकड़ी गई औरतों की पहचान 19 वर्षीया मीना, 22 वर्षीया सुकुरा बेगम और 19 वर्षीया ओनारा बेगम के तौर पर हुई। ये सभी म्यंमार के बुटीडांग की रहने वाली हैं। सभी ने अवैध तौर पर भारत में घुसने की बात कबूली है। घुसपैठ में इनकी मदद बांग्लादेश में सलमान मियाँ और त्रिपुरा के किसी अहमद ने की है। ATS ने अपनी FIR में अहमद और सलमान मियाँ को भी नामजद किया है। चारों आरोपितों ने पूछताछ में यह बात भी कबूली कि फर्जी कागजातों के सहारे उनकी तैयारी भारत में स्थायी तौर पर बसने की थी।
ATS ने गिरफ्तार घुसपैठियों पर IPC की धारा 420,467, 468 और 471 के अलावा विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 के तहत कार्रवाई की गई है। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है।