पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न की खबर मीडिया में आने के बाद अब बंगाल पुलिस ने अपना बयान जारी किया है। पुलिस ने कहा है कि संदेशखाली पर मीडिया ने जानबूझकर गलत खबर फैलाई। उनके पास ऐसी कोई शिकायत नहीं है कि स्थानीय महिलाओं से रेप हुआ इसलिए वो उस मीडिया के खिलाफ एक्शन लेंगे जिन्होंने ऐसी खबरें फैलाने का काम किया।
Wilful misinformation is being spread by a section of the media to mislead the people about the events in Sandeshkhali. It is reiterated that no allegations about rape of women have so far been received…(1/4)
— West Bengal Police (@WBPolice) February 14, 2024
पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा किए गए ट्वीट में उन्होंने कहा कि संदेशखाली के घटनाक्रम पर मीडिया के एक वर्ग द्वारा फर्जी खबर फैलाई गई। पुलिस ने कहा कि वह इस बात की पुष्टि करते हैं कि संदेशखाली में राज्य महिला आयोग द्वारा की गई जाँच में अभी तक किसी महिला के द्वारा रेप की कोई शिकायत नहीं दी गई है। राज्य महिला आयोग की टीम में 10 महिला सदस्य हैं और इसकी अध्यक्षता डीआईजी-सीआईडी कर रही हैं। इस टीम ने संदेशखाली में दौरा किया और उन्होंने भी यही कहा कि स्थानीय महिलाओं ने जाँच में रेप की बात नहीं कही है।
corroborated this, saying that they did not receive any complaints of rape of local women during their enquiry.
— West Bengal Police (@WBPolice) February 14, 2024
It is reiterated that all allegations and complaints received will be duly enquired into and lawful action will be initiated….(3/4)
अपने ट्वीट में पुलिस ने यह भी कहा कि इस संबंध में लगे सभी आरोपों और प्राप्त शिकायतों के विरुद्ध वह विधिवत कार्रवाई करेंगे और साथ में उस मीडिया के खिलाफ भी एक्शन लेंगे जिसने इस संबंध में भ्रामक खबरें फैलाईं। अपने इस ट्वीट के साथ उन्होंने न्यूज 18 का वीडियो लगाया है।
NCW is concerned by the lack of accurate and responsible media coverage in the Sandeshkhali case. Our inquiry committee found that the victim in West Bengal is being threatened by local police, deterring them from coming out and reporting instances of sexual and physical…
— NCW (@NCWIndia) February 14, 2024
बता दें कि संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का मामला मीडिया में आने के बाद जहाँ पुलिस ने राज्य महिला आयोग की जाँच के बाद मीडिया खबरों को ‘भ्रामक’ बताया है तो वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा कि संदेशखाली मामले को सटीक को सटीक मीडिया कवरेज न मिल पाने के कारण वह चिंतित हैं। उनके मुताबित जाँच समिति ने पाया कि पश्चिम बंगाल में पीड़ितों को स्थानीय पुलिस द्वारा धमकी दी जा रही है, उन्हें बाहर आने और यौन और शारीरिक उत्पीड़न की घटनाओं की रिपोर्ट करने से रोका जा रहा है।
इससे पहले खबर आई थी कि कुछ महिलाओं ने कहा है कि जाँच के दौरान प्रशासन उनसे रेप के मेडिकल प्रमाण माँग रहा है। मीडिया से बात करते हुए एक महिला ने बताया कि उसने गुंडों द्वारा बलात्कार की बात बताई तो उससे अब रेप का मेडिकल प्रमाण पत्र दिखाने के लिए कहा जा रहा है। महिला ने पूछा कि आखिर कौन-सी पीड़िता सामने आकर यह स्वीकार करेगी। महिला ने बताया कि उसके साथ यौन दुराचार नहीं हुआ है, लेकिन गाँव की कई महिलाओं के साथ ऐसा हुआ है।