राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार ने हिन्दुओं के लिए भारत छोड़कर पाकिस्तान चले जाने का आदेश निकाला है। राज्य सरकार का यह आदेश उनके लिए है जोकि पाकिस्तान के सिंध प्रांत से धार्मिक वीसा पर भारत आए थे। दरअसल यह सभी परिवार के सदस्य हिन्दू हैं जो पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत में रह रहे हैं। इन सभी के परिवार जैसलमेर और उसके आसपास के सीमावर्ती इलाकों में रह रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वक़्त में इन परिवारों के 19 सदस्य यहाँ रह रहे हैं। इनमें से तीन सदस्यों को सीबीआई और जिला प्रशासन की टीम पाकिस्तान चले जाने का नोटिस थमा चुकी है।
जयपुर के रहने वाले डॉ ओमेन्द्र रत्नु पाकिस्तानी हिन्दुओं और दलित सहोदरों (भाइयों) के हक में आवाज़ बुलंद करने के लिए जाने जाते हैं। डॉ ओमेन्द्र ने पाकिस्तान के इन विस्थापित हिन्दू परिवारों के लिए न्यायालय में गुहार भी लगाई थी मगर वहाँ कोई सफलता हाथ नहीं लगी।
उन्होंने बताया, “राजस्थान पुलिस इन लोगों को वाघा-अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान डिपोर्ट करना चाहती है मगर हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि इसे रुकवाया जाए। इसके लिए सुबह से ही लगतार हम ट्वीट भी कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में हमारी बात अरुण कुमार और संघ के अन्य बड़े नेताओं से हुई है। होम मिनिस्टर तक बात चली गई है। हम इन्हें डिपोर्ट तो नहीं होने देंगे, हमें सतत प्रेशर बना कर रखना है।”
डॉ रत्नु ने आगे कहा कि इन्होने जिस नियम का उल्लंघन किया हो उसकी सज़ा दी जाय मगर इन्हें डिपोर्ट कर देना कोई समाधान नहीं है। लोगों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह मेघवाल हैं जो अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं।
दरअसल एक कट्टर इस्लामिक देश होने के चलते पाकिस्तान में हिन्दुओं पर अत्याचार चरम पर हैं। यह सभी परिवार धार्मिक वीसा के बहाने यहाँ इसी लिए रुके थे क्योंकि पाकिस्तान में हिन्दुओं को सिर्फ यातनाएँ ही मिलती हैं। पाकिस्तान एक असहिष्णु इस्लामिक देश होने के कारण अधिकतर कानून इस्लामिक मान्यताओं की ओर झुकाव रखते हैं और कई बार हिन्दुओं के लिए घातक सिद्ध होते हैं। इन हिन्दू परिवार के सदस्यों ने भी पाकिस्तान में खुदपर होने वाले अत्याचारों से बचने के लिए भारत में शरण ली हुई थी जिस पर अब खतरा मंडरा रहा है।