पाकिस्तान में हिन्दू अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्याचार कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी जारी हैं। गरीब नाबालिग हिन्दू लड़कियों का अपहरण कर उनका जबरन निकाह करवाकर इस्लाम में उनका धर्म परिवर्तन करने की घटनाएँ आम हो चुकी हैं।
पाकिस्तान के बहावलपुर में एक और हिंदू नाबालिग लड़की को अगवा कर जबरन इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराने का नया मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते 13 मार्च को बहावलपुर के मुनीर अहमद ने 15 वर्षीय नाबालिग हिन्दू लड़की को अगवा कर लिया। इसके बाद फैसलाबाद ले जाकर मुनीर ने उसके साथ बलात्कार किया।
इस घटना के बाद मौलवियों ने उस बच्ची को जबरन इस्लाम कबूल कराकर उसकी शादी बलात्कारी मुनीर अहमद के साथ शादी करा दी। नाबालिग पीड़िता के पिता नहीं है। ट्विटर पर वॉइस ऑफ़ पाकिस्तान नामक एक अकाउंट ने विडियो शेयर किया है जिसमें पीड़ित बच्ची की माँ कहा रही हैं, “हम मजदूर हैं। मेरे 6 बच्चे हैं। मुनीर अहमद ने जबरन ने मेरी बेटी को अगवा किया है।”
Bhambo Mai, a 15-year-old Hindu girl kidnapped, forcibly converted to Islam and married off to her kidnapper in Yazman, Bhawalpur. #endforcedconversions #Pakistan @sherryrehman @RitaPanahi @AdityaRajKaul @rsrobin1 @bilalfqi @Mukesh_Meghwar @RehamKhan1 @PeterTatchell pic.twitter.com/K3mMS6BGN0
— Voice of Pakistan Minority (@voice_minority) April 2, 2020
पीडिता की माँ का कहना है कि उन्हें डर था कि मुनीर उनकी दूसरी बेटियों को भी अगवा कर सकता है, इसलिए उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और अब वो एक रिश्तेदार के घर पर आ गई हैं। उन्होंने कहा कि 15 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन पुलिस-प्रशासन हम गरीब हिंदूओं की मदद नहीं कर रहा है।
पीड़िता की माँ ने बताया कि जब मुनीर अहमद ने उनकी बच्ची को अगवा किया तब उन्होंने इसकी सूचना गाँव के मुखिया को दी। लेकिन गाँव के मुखिया ने उनकी मदद करने और पुलिस को बताने की बजाए उनसे कहा कि आरोपित मुनीर अहमद बेटी को वापस करने के लिए 4 लाख रुपए माँग रहा है। उन्होंने कहा हम गरीब हैं। फिरौती नहीं दे सकते थे। मेरी बेटी को छुड़ाने के लिए मेरे भतीजे ने हिंदू समुदाय से मदद माँग कर रुपए इकट्ठे किए। लेकिन आरोपित मुनीर अहमद ने फिरौती की रकम लेकर भी बच्ची को नहीं छोड़ा। बच्ची को वापस लौटाने की बजाए आरोपित मुनीर अहमद ने कहा कि बच्ची ने इस्लाम कबूल कर लिया है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के अनुसार 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक साल में एक हजार से ज्यादा ईसाई और हिंदू लड़कियों को जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया जाता है। पीएम इमरान खान भी इन घटनाओं पर हमेशा चुप रहते हैं और कोई ठोस कदम नहीं उठाते है। अतंरराष्ट्रीय स्तर पर अक्सर पीएम इमरान खान कहते हैं कि उनके देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति अच्छी है, लेकिन वास्तविकता नाबालिग हिन्दू लड़कियों का अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएँ बयान करती है।