सिलवासा में एक सभा को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने महागठबंधन पर तीखा हमला करते हुए कहा, “पहले जो लोग कॉन्ग्रेस को पानी पी पी कर कोसते थे, अब सब कुछ भूलकर एक मंच पर आ गए हैं।” उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चल रही है। हम विकास की पंचधारा के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। बच्चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई, ये हमारे लिए विकास का राजमार्ग है।
बता दें कि, एक तरफ़ जहाँ आज कोलकाता में महागठबंधन की रैली थी। वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी सिलवासा में थे। उन्होंने सिलवासा में एक रैली में महागठबंधन के दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब लोकतंत्र का गला घोंटने वाले लोकतंत्र को बचाने की बात करते हैं तो देश के मुँह से निकलता है, ‘वाह क्या बात है!’
PM Modi in Silvassa: Jab loktantra ka gala ghotne wale loktantra ko bachane ki baat karte toh desh ke munh se nikalta hai ‘wah kya baat’. pic.twitter.com/Ac7D0e3tkt
— ANI (@ANI) January 19, 2019
पीएम मोदी ने कहा कि इन्हें गुस्सा आ रहा है कि मोदी ग़रीबों का अधिकार छीनने वाले, उनके राशन, उनकी पेंशन हड़पने वाले दलालों को बाहर क्यों कर रहा है। अपने इसी गुस्से की वज़ह से अब ये लोग एक महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
PM Modi in Silvassa: This ‘ganthbandhan’ is not against Modi but against the people of India. Currently, they are not even properly together and already that have started bargaining for their share. pic.twitter.com/UbpNULGgHA
— ANI (@ANI) January 19, 2019
ये महागठबंधन अकेले मेरे खिलाफ ही नहीं, देश की जनता के भी खिलाफ है। अभी तो ये पूरी तरह साथ आए भी नहीं है, लेकिन हिस्सेदारी पर कैसे मोलभाव चल रहा है, ये भी देश का नौजवान, देश का किसान, देश की महिलाएँ, पहली बार वोट डालने जा रहे युवा साफ़ देख रहे हैं। अपने परिवार, अपनी सल्तनत को बचाने के लिए ये कितने भी गठबंधन बना लें, लेकिन अपने कर्मों से ये नहीं भाग सकते।
PM Modi in Silvassa: My actions against corruption have infuriated some people. It’s but natural for them to get angry as I’ve prevented them from looting public money. Consequently, they have now formed an alliance called Mahagathbandhan pic.twitter.com/3WPyJtKRx5
— ANI (@ANI) January 19, 2019
पीएम ने कहा, “आज देश के वो गरीब, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर पाने के योग्य हैं, उन्हें घरों की मंजूरी दी जा चुकी है। आज जिन्हें आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलना है, गोल्ड कार्ड जारी किए जा चुके हैं। आज वो गरीब, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर पाने के योग्य हैं, उनके घरों को मंजूरी दी जा चुकी है।”
PM Narendra Modi in Silvassa: The previous govt was only able to build 25 lakh houses in five years. However, in the last 5 years, around 1.25 crore houses have been built. pic.twitter.com/EDCfu3D2tX
— ANI (@ANI) January 19, 2019
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दवाई और पढ़ाई के साथ-साथ सरकार ये भी सुनिश्चत कर रही है कि कोई भी ग़रीब बेघर ना रहे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गाँव और शहरों के ग़रीबों को अपना पक्का घर देने का एक व्यापक अभियान चल रहा है। बीते साढ़े 4 वर्षों से जिस कमिटमेंट के साथ, जिस स्पीड और स्केल पर गरीबों के घर बनाने का का काम चल रहा है, वो अभूतपूर्व है। पहले की सरकार जहाँ अपने 5 साल में सिर्फ 25 लाख घर बनवा सकी थी, वहीं हमारी सरकार अब तक 1 करोड़ 25 लाख से अधिक घरों का निर्माण पूरा करा चुकी है।
पीएम ने कहा, “ज़मीन हो, जंगल की पैदावार हो, पढ़ाई लिखाई हो, खेल से जुड़ी प्रतिभा हो, हर स्तर पर आदिवासियों के कल्याण के लिए व्यापक प्रयास हो रहे हैं। वनधन योजना के तहत जो जंगल की उपज है, उसमें वैल्यु एडिशन और उसके उचित प्रचार-प्रसार के लिए देशभर में सेंटर बनाए जा रहे हैं। दादरा और नगर हवेली में पर्यटन के लिए बहुत सम्भावनाएँ हैं। इस क्षेत्र को टूरिस्ट मैप पर लाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। सिलवासा में बने दमनगंगा रिवरफ्रंट के पीछे की भावना भी यही है।”
अपने भाषण में पीएम ने यह भी कहा कि अब यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए एक और आकर्षण का केंद्र बनकर तैयार है। गरीबों के लिए, आदिवासियों के लिए, मध्यम वर्ग के लिए जितनी भी योजनाएँ चल रही हैं, उनके मूल में सबका साथ-सबका विकास है। जबकि वो दल जिसने दशकों तक देश में सरकारें चलाईं, वो हर काम में अपनी या अपने परिवार की सम्भावनाएँ देखता था।
पीएम ने तंज करते हुए कहा कि यही कारण है कि वहाँ काम से ज़्यादा नाम पर ज़ोर दिया गया। इन्हें दिक्कत है कि मोदी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ इतनी कड़ी कार्रवाई क्यों कर रहा है? इन्हें परेशानी है कि सत्ता के गलियारों में घूमने वाले बिचौलियों को मोदी ने बाहर क्यों निकाल दिया। इन्हें गुस्सा आ रहा है कि मोदी ग़रीबों का अधिकार छीनने वाले, उनके राशन, उनकी पेंशन हड़पने वाले दलालों को बाहर क्यों कर रहा है।
दूसरी तरफ़ महागठबंधन में अभी से फूट और मनमुटाव दिखना शुरू हो गया है। आज जहाँ अखिलेश कोलकाता में ममता की रैली का हिस्सा बने वहीं दूसरी तरफ मायावती इस रैली में शामिल नहीं हुईं। इस रैली में विपक्षी पार्टियों के करीब 20 बड़े चेहरों ने शिरकत की। इनमें शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू, एचडी कुमारस्वामी, फ़ारूख अब्दुल्लाह और उमर अब्दुल्लाह भी दिखे।