राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने सम्बन्धी संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। अब सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा इसके नियम एवं शर्तों को अंतिम रूप देने के साथ ही ये क़ानून लागू हो जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में करीब एक हफ़्ता लगने की उम्मीद है। इस सम्बन्ध में केंद्र सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है।
केंद्रीय न्याय एवं विधि मंत्रालय ने इस सम्बन्ध में अधिसूचना ज़ारी करते हुए कहा कि संविधान के 103वें संशोधन, 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इसे अनुच्छेद 15 तथा 16 के अंतर्गत पारित किया गया है। इस अधिसूचना के ज़ारी होने के साथ ही 8 लाख से कम सालाना आमदनी वाले सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण मिलने का रास्ता साफ़ हो गया है। इस क़ानून के अंतर्गत सरकार को शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का अधिकार होगा।
President Ram Nath Kovind gives nod to 10% quota bill for economically weaker section in general category. pic.twitter.com/PDvx3OD58u
— ANI (@ANI) January 12, 2019
हालाँकि, ये प्रावधान अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों में लागू नहीं होगा। ये आरक्षण की मौजूदा 50 प्रतिशत की सीमा के अतिरिक्त होगा। इसे लोकसभा एवं राज्यसभा- दोनों सदनों में पारित किया जा चुका है। इसके दोनों सदनों में पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक बिल बताया था।
वहीं गुजरात सरकार ने इस क़ानून को अपने राज्य में संक्रांति से लागू करने की घोषणा की है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने निर्णय लिया कि 14 जनवरी से इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
Gujarat CM Vijay Rupani decides to implement 10% reservation given by Central Government in government jobs and education to economically weaker section in the general category, from 14 January 2019. (File pic) pic.twitter.com/L7cJKoj91h
— ANI (@ANI) January 13, 2019
बता दें कि दोनों सदनों में भारी बहुमत से पारित इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी गई है। एक NGO ने इसे ग़ैरकानूनी बता कर अदालत से इस बिल को रद्द करने की माँग की है।