Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजकुम्भ मेले में साधु-संतों से ‘चिलम’ माँगते दिखे बाबा रामदेव

कुम्भ मेले में साधु-संतों से ‘चिलम’ माँगते दिखे बाबा रामदेव

“हम साधुओं ने अपना घर, माँ-बाप सब कुछ बहुत बड़े मकसद की वज़ह से छोड़ा है तो हम धूम्रपान करना क्यों नहीं छोड़ सकते।”

कुम्भ मेला पहुँचे योग गुरू रामदेव ने साधु-संतों से धूम्रपान छोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने वहाँ साधु-संतों से कहा कि हम सब राम और कृष्ण का अनुसरण करते हैं, जिन्होंने अपने पूरे जीवन में कभी भी धूम्रपान नहीं किया, तो फिर हमें क्यों ज़रूरत है? हमें क़सम खानी चाहिए कि हम धूम्रपान करना छोड़ देंगे।

उन्होंने कहा, “हम साधुओं ने अपना घर, माँ-बाप सब कुछ बहुत बड़े मकसद की वज़ह से छोड़ा है तो हम धूम्रपान करना क्यों नहीं छोड़ सकते।”

रामदेव ने वहाँ बैठे साधुओं से चिलम इकट्ठा की और उन्हें प्रण दिलाया कि वो सब लोग तंबाकू छोड़ देंगे। रामदेव ने कहा कि वो ये सारी ‘चिलम’ इकट्ठा करके उस म्यूज़ियम में रखेंगे, जिसे वो बनवाएँगे। उन्होंने कहा, “मैं नौज़वानों से तंबाकू और धूम्रपान छुड़वा सकता हूँ तो महात्माओं से क्यों नहीं।”

बता दें कि 55 दिन तक चलने वाला कुंभ मेला 4 मार्च को ख़त्म होगा। एक अंदाज़ के अनुसार, 13 करोड़ श्रद्धालु कुम्भ में भाग ले सकते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -