पिछले दिनों उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ज़हरीली शराब के कारण 100 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई। इस शराब कांड ने दोनों ही राज्यों की सरकार को हिला कर रख दिया। राज्य सरकार की गंभीरता की वजह से दोनों ही राज्यों की पुलिस ने इस मामले में 346 केस दर्ज किए थे। इसी मामले में पुलिस ने बिहार के राजद (राष्ट्रीय जनता दल) नेता हरेंद्र यादव को गिरफ़्तार किया है।
सरकार के दबाव की वजह से पुलिस ने लगातार छापेमारी की। इसके कारण दोनों राज्यों में लगभग 10,000 लीटर से ज़्यादा अवैध शराब और 75,000 किलो से ज़्यादा लहन (जहरीला पदार्थ, जिससे लोकल शराब बनाई जाती है) पकड़ी गई। छापेमारी के दौरान लगभग 200 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है। आपको बता दें कि मरने वालों में सहारनपुर के 70 जबकि हरिद्वार के 32 लोग हैं।
इस मामले में यूपी पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। यूपी पुलिस ने इस मामले में छापेमारी करके शराब माफ़िया हरेंद्र यादव को गिरफ़्तार किया है। हरेंद्र यादव बिहार के बिसंभरपुर थाने के भोजछापर गाँव का रहने वाला है। हरेंद्र आज से नहीं बल्कि दो दशक के ज़्यादा समय से राजद से जुड़ा हुआ है। यही नहीं, हरेंद्र यादव की पत्नी बाचो देवी सलेहपुर पंचायत से बीडीसी सदस्य भी है। यूपी पुलिस ने हरेंद्र को राजस्थान के भिलवाड़ा से गिरफ़्तार किया।
बता दें कि हरेंद्र उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाक़ों में शराब बनाकर बेचने का कारोबार करता था। पिछले दिनों बेदूपार एहतमाली, जवहीं दयाल चैनपट्टी, खैरटिया जलाल छापर गाँव के 20 लोगों की मौत हो गई थी। यूपी के इस क्षेत्र में हरेंद्र यादव द्वारा बनाई गई शराब बिकती थी। यही वजह है कि शराब कांड में नाम आते ही हरेंद्र के परिवार के सभी लोग भूमिगत हो गए थे। हरेंद्र पर कुचायकोट, विसंभरपुर, गोपालपुर थाने में शराब तस्करी के कई मामले दर्ज हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि इस शराब कांड के बाद अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित सपा के दफ़्तर में कहा था कि योगी सरकार ने शराब पर गौ कल्याण टैक्स लगाया है। सरकार ने लोगों को लालच दिया है कि गाय सेवा सिर्फ़ तभी अच्छी होगी, जब लोग शराब का ज़्यादा सेवन करेंगे। अखिलेश यादव ने कहा था कि ग़रीब को नहीं पता है कि उसे कौन-सी शराब पीनी है। लेकिन सरकार को सब पता है। सरकार शराब पीने वालों को बढ़ाना चाहती है। उनका मानना है कि सरकार को यह भी पता है कि कौन ऐसी ज़हरीली शराब बना रहा है।
अखिलेश यादव के ऐसे बयानों को सुनकर लगता है कि योगी सरकार पर लगातार किसी भी मामले में, किसी भी तरह से आरोप लगाने वाले पूर्व सीएम अपना समय भूल गए हैं। योगी सरकार पर ऊँगली उठाने वाले अखिलेश भूल रहे हैं कि उनके राज में उन्नाव और लखनऊ में 33 लोगों की मौतें ज़हरीली शराब पीने से हुई थी। इसके बाद तत्कालीन सरकार और प्रशासन की ओर से काफ़ी बड़े-बडे़ दावे भी किए गए थे।
ऐसे में अखिलेश यादव का इस मामले पर योगी सरकार को घेरना बेहद शर्मनाक है क्योंकि वो खुद भी ऐसी स्थिति का सामना अपने शासनकाल में कर चुके हैं।