राजनीति में खुद को फिर से स्थापित करने के लिए जद्दोजहद कर रहे राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के प्रमुख अजित सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘बैल और बछड़ा’ कहकर चर्चा में आ गए हैं। बृहस्पतिवार (जनवरी 10, 2019) को मथुरा के कोसीकलाँ कस्बे में ‘किसानों से संवाद’ कार्यक्रम के दौरान एक जनसंवाद रैली को संबोधित करते हुए अजीत सिंह ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को भी नहीं बख्शा और उन्हें ‘हट्टी-कट्टी गाय’ बता दिया।
ख़ास बात यह है की रालोद पार्टी नेता अजीत सिंह की यह असभ्य टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब राष्ट्रीय महिला आयोग कॉन्ग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गाँधी को केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण पर अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने के लिए नोटिस भेज चुका है।
जनसंवाद रैली में अजीत सिंह ने कहा, “मैं आजकल अखबारों में पढ़ रहा हूँ कि आजकल आपके गाय-बैल-बछड़े खूब घूम रहे हैं। इन्हें आप लोग स्कूल-कॉलेजों में बंद कर रहे हो। जिन्हें लोग कहते हैं कि ये मोदी-योगी घूम रहे हैं, सच है क्या?’’ अजीत सिंह ने इसके आगे कहा, ‘‘कुछ लोग तो यह भी कहते हैं कि हट्टी-कट्टी गाय आ गई, स्मृति ईरानी भी घूम रही है।” उन्होंने ‘मोदी हाय-हाय’ और ‘मोदी बाय-बाय’ के नारे लगाते हुए कहा कि देश के किसानों और उद्योगपतियों को नोटबंदी के कारण नुकसान उठाना पड़ा।
भाजपा नेता योगेश गोस्वामी ने कहा है, “अजित सिंह ने ऐसा कर के संविधान का अपमान किया है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और केन्द्रीय कपड़ा मंत्री मंत्री राजनीतिक चेहरे हैं और संवैधानिक पदों पर बैठे हुए हैं, ऐसे लोगों पर अभद्र टिप्पणी करना संविधान का अपमान करना है”
पिछले कुछ समय से विपक्ष के नेताओं में प्रधानमंत्री और NDA सरकार के नेताओं को लेकर व्यक्तिगत अभद्र टिप्पणियाँ करने का चलन बढ़ा है।
मणि शंकर अय्यर 2017 के गुजरात चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘नीच आदमी’ कह चुके हैं। यह पहली बार नहीं है जब मणि शंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कोई जातिगत टिप्पणी की हो, 2014 लोकसभा चुनावों में भी वो नरेंद्र मोदी को ‘चायवाला’ कहकर उनको नीचा दिखाने की कोशिश करना चाहते थे। हालाँकि, यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए वरदान साबित हुई और ‘चायवाला’ के ‘टैग’ ने उन्हें जनता के बीच और ज्यादा लोकप्रिय बना दिया था।
2014 लोकसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के ख़िलाफ़ अमेठी से चुनाव लड़ने वाली वर्तमान केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी विपक्ष से लेकर कुछ मीडिया हाउस तक का आसान निशाना रही हैं। शायद ऐसा उनके एक सशक्त और वाक्पटु नेता के रूप में बढ़ते हुए व्यक्तित्व के कारण भी हो रहा है। हाल ही में एक वामपंथी मीडिया संगठन ‘द टेलीग्राफ’ ने स्मृति इरानी के राहुल गाँधी को लेकर दिए एक बयान को गलत तरीके से पेश कर के ये लिखकर उनकी छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की गई कि स्मृति इरानी ने राहुल गाँधी के ‘पौरुष’ पर प्रश्नचिन्ह लगाए। शायद अपने पूर्वग्रहों के कारण द टेलीग्राफ ‘पुरुषार्थ’ और ‘पौरुष’ में भेद करने में असफल रहा होगा।