जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने ईकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत के दौरान इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। ईटी की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा है कि अब अगला काम कश्मीर के कुछ मुस्लिमों को भारतीयता सिखाने का होना चाहिए।
उन्होंने पुलवामा हमले का हवाला देते हुए कहा, “कश्मीर में एक खास तरह का इस्लाम धर्म है जो रमजान और ईद का भी सम्मान नहीं करता। ये सिर्फ़ हिंसा फैलाता है, जिसे पुलवामा हमले ने साफ़ कर दिया है। कश्मीर के मुस्लिमों को इस तरह के इस्लाम से दूर रहना चाहिए। देश भर की अन्य जगहों पर अन्य मुस्लिमों ने एक राष्ट्र, एक झंडा और एक संविधान और एक नागरिकता के सिद्धांत को स्वीकार किया है, और अब यही तरीका है जिससे घाटी का विकास हो सकता है।“
‘Next move should be to bring Kashmiri Muslims on path of Bharatiyata’, 2/3rd of J&K happy: RSS’ Indresh Kumar tells @vasudha_ET https://t.co/RCcaHiaRZ4
— Aman Sharma (@AmanKayamHai_ET) August 14, 2019
कश्मीर घाटी में आरएसएस की ओर से पिछले 18 साल से काम करने वाले इंद्रेश कुमार जम्मू-कश्मीर में 30 अलग-अलग संस्थान चलाते हैं। ये संस्थान उन मुस्लिमों तक पहुँचने का काम करते हैं जो पाकिस्तान की बजाए भारत का समर्थन करते हैं। ये संस्थान उन तक पहुँचकर उनके साथ काम करते हैं और उन्हें शिक्षा- स्वास्थ्य जैसी सुविधाएँ उपलब्ध करवाते हैं।
राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक इंद्रेश की मानें तो पूरा जम्मू, लद्दाख और घाटी के भी एक चौथाई लोग अनुच्छेद 370 हटने से खुश हैं। केंद्र के फैसले से पूरे जम्मू-कश्मीर की करीब दो-तिहाई आबादी में खुशी की लहर है। आरएसएस नेता बताते हैं कि इस कदम से कश्मीर के पंडितों, डोगरों, सिखों, शिया, गुर्जर और दलितों को न्याय मिला है।
उनका कहना है कि घाटी में सिर्फ़ कुछ मुस्लिम हैं जो इस फैसले को नकार रहे हैं। ये लोग स्वघोषित नेताओं और कट्टरपंथी इस्लाम द्वारा बरगलाए गए हैं। इसलिए इन्हें भारतीयता से परिचित कराने की आवश्यकता है।
वह कहते हैं कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं। घाटी के लोगों को राष्ट्रवाद और राष्ट्रहित की अवधारणा से जोड़ने की दिशा में कार्य करना होगा। यहाँ कश्मीरी मुस्लिमों की बहुत बड़ी आबादी है जो शांति और विकास चाहती हैं, जो निश्चित ही सिर्फ़ भारत उन्हें दे सकता है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने पूर्व सेना अधिकारियों के साथ सीमा पार आतंकवाद, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद, पाकिस्तान में भारतीयों के राज्य और कश्मीर घाटी में इस्लामी कट्टरपंथ का उदय जैसे विषयों पर बैठक की थी।