बिहार के पूर्वी चंपारण से ‘लव जिहाद’ का एक मामला सामने आया है। यहाँ ‘द केरला स्टोरी’ जैसे एक मामले में सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जवानों ने शनिवार (20 अप्रैल, 2024) को एक समीर आलम नाम के शादीशुदा युवक को दलित समुदाय की नाबालिग हिन्दू लड़की के साथ पकड़ा है। 26 साल के समीर आलम पर आरोप है कि उसने नाबालिग लड़की को धोखे में रख कर पहले निकाह किया और उसे बहला-फुसला कर नेपाल ले जा रहा था। समीर पर इस से पहले भी गैर मुस्लिम लड़कियों को इस्लाम कबूल करवा कर बेचने के आरोप लग चुके हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार के नरकटियागंज की रहने वाली एक 17 वर्षीया हिन्दू लड़की अक्सर अपनी सहेली सलमा खातून के घर जाया करती थी। एक दिन वह सलमा के साथ एक शादी समारोह में गई हुई थी। यहाँ लड़की को समीर आलम मिला। समीर ने लड़की से बात करने की काफी कोशिश की लेकिन पीड़िता ने मना कर दिया। लड़की के इंकार के बावजूद समीर उसके पीछे पड़ा रहा। जब पीड़िता स्कूल जाती थी तो वो रास्ते में बात करने की कोशिश करता था।
थोड़े दिनों के बाद पीड़िता और समीर की बातचीत शुरू हो गई। समीर ने यह नहीं बताया कि वो मुस्लिम है। महज 2 माह पहले शुरू हुई बातचीत में समीर आलम पीड़िता को अपने घर ले जाने की जिद करने लगा। पहले तो लड़की ने मना किया पर बाद में वो जल्दी लौट आने की शर्त पर मान गई। स्कूल के लिए निकली पीड़िता सीधे समीर के घर पहुँच गई। आरोप है कि यहाँ पहले से तैयार कई ख़ातूनें (महिलाएँ) मौजूद थीं। इन सभी के बीच में समीर ने पीड़िता की माँग भरने की कोशिश की।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि इतनी देर में वो समझ चुकी थी कि उसे फँसाया जा चुका है। लड़की चुपचाप जो कहा गया वो करती रही। शादी करने के बाद समीर लड़की को अपने साथ ले कर रहने लगा। लड़की को कहीं भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। 2 बार जब पीड़िता ने भगाने की कोशिश की तो उसे पकड़ लिया गया। पीड़िता का फोन भी छीन लिया गया था। एक दिन वह चुपके से समीर के फोन से अपने घर कॉल करना चाही तो उसे बहुत डाँट पड़ी थी।
इस बीच समीर लड़की को नेपाल में बेचने की साजिश रचने लगा था। इसी साजिश को अंजाम देने के लिए एक दिन उसने पीड़िता को रक्सौल बाजार घुमाने का ऑफर दिया। समीर आलम लड़की को साथ ले कर नेपाल की सीमा की तरफ बढ़ रहा था। इस बीच सीमा पर तैनात SSB की 47वीं बटालियन के इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा की नजर लड़की और समीर पर पड़ी। उन्हें शक हुआ तो समीर से पूछताछ की। समीर के बातचीत के ढंग से उनका शक और पुख्ता हो गया। जब उन्होंने लड़की से बात की तो वो भी खुल कर कुछ बोल नहीं रही थी।
इंस्पेक्टर मनोज शर्मा समीर और पीड़िता को थाने ले आए। यहाँ समीर के मोबाइल में कई आपत्तिजनक वीडियो और फोटो बरामद हुईं। जाँच में यह भी सामने आया कि बेतिया के मूल निवासी और मोहम्मद गुड्डू मियाँ की औलाद समीर आलम पर 11 मई 2022 को दलित समुदाय की ही एक नाबालिग लड़की की तस्करी का आरोप लग चुका है। तब उस पर प्रतापगढ़ में धारा 363, 366, 376, 370 और पॉक्सो एक्ट 03 (2) एसटी, एससी एक्ट में केस भी दर्ज हुआ था। आरोपित समीर पहले से शादीशुदा और 1 बच्चे का अब्बा भी बताया जा रहा है।
समीर आलम से जब आगे की पूछताछ की गई तो उसने कबूला कि वह अपने साथ मौजूद नाबालिग को बेचने के मकसद से नेपाल ले जा रहा था। पहले के साथ दुबारा दलित लड़की की तस्करी में जेल जाने के सवाल पर समीर आलम पुलिस से बोला, “कोई बात नहीं दोबारा भी जेल चला जाऊँगा, फिर बेल पर बाहर आ जाऊँगा।” आखिरकार भेद खुल जाने पर नाबालिग पीड़िता ने भी समीर आलम की पोल-पट्टी पुलिस और SSB के आगे खोल दी।
आखिरकार समीर आलम के खिलाफ रक्सौल के एक सामाजिक कार्यकर्ता रणजीत सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। इस शिकायत पर समीर आलम के खिलाफ IPC की धारा 363, 366, 376, 370 और पोक्सो एक्ट के अलावा एससी/एसटी एक्ट व बाल विवाह अधिनियम आदि के तहत कार्रवाई की गई है। समीर आलम को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया गया है। पीड़िता के परिजनों को सूचना दे दी गई है। पुलिस मामले की जाँच में जुटी हुई है।