हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला गुरुवार (12 सितम्बर, 2024) को ठहर गई। शिमला के व्यापार मंडल ने सुक्खू सरकार के हिन्दुओं पर दमन के विरोध में बाजार बंद रखे। पर्यटकों और आम जनता की आवाजाही से गुलजार रहने वाला शिमला एक दम शांत पड़ा है। शहर भर के व्यपारियों ने यह फैसला अवैध मस्जिद के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हिन्दुओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में लिया। वहीं प्रदर्शनकारी हिन्दू DC और SP के दफ्तर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने लगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिमला में गुरुवार को किसी भी दुकान का शटर नहीं उठा। शिमला के सभी प्रमुख छोटे बड़े बाजार बंद रहे। यह बंदी सुबह से लेकर दोपहर 1 बजे तक की गई। इस दौरान ना केवल दुकानें बंद रहीं बल्कि शिमला का व्यापार मंडल भी सड़कों पर उतर आया। शिमला के व्यपारियों ने बुधवार को हिन्दुओं पर चली पुलिस की लाठियों के विरुद्ध प्रदर्शन किया।
#HimachalPradesh: Shimla Vyapar Mandal calls a half-day market shutdown from 10 am to 1 pm in the wake of the alleged illegal construction of a mosque in #Sanjauli area for which a protest was held yesterday.
— DD News (@DDNewslive) September 12, 2024
Visuals from Sanjauli Main Bazar. pic.twitter.com/haRiT58NoC
व्यापारी बोले- एसपी को हटाओ
व्यापार मंडल ने एक रैली निकाल कर हिन्दुओं के विरुद्ध हुई पुलिसिया कार्रवाई पर अपना रोष जताया। शहर भर के व्यापारियों ने इस दौरान सुक्खू सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की। इसी के साथ व्यापारी हिन्दू प्रदर्शनकारी शिमला के DC और SP के दफ्तर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया।
व्यापरियों ने माँग की कि शिमला के SP को हटाया जाए। वहीं अब सामने आया कि बुधवार को हुई पुलिसिया कार्रवाई में 12 लोग घायल हुए हैं। कई लोगों को हल्की चोटें आई। सभी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इस बीच संजौली इलाके में तनाव बना हुआ है।
हिंदू समाज की एकता 🔥
— Gems of Himachal (@GemsHimachal) September 12, 2024
शिमला में व्यापार मंडल का रोष प्रदर्शन,पूरा मार्केट बंद ।। DC,SP ऑफिस के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया#Shimla #Masjid #HimachalPradesh pic.twitter.com/GjDM5LFoo8
गौरलतब है कि शिमला के संजौली में बनी अवैध मस्जिद पर कार्रवाई की माँग करते हुए बुधवार को शिमला के हिन्दुओं ने एक प्रदर्शन का आयोजन किया था। यह प्रदर्शन संजौली इलाके में ही होना था। हालाँकि, सुक्खू सरकार ने इसको रोकने के लिए सभी हथकंडे अपनाए।
इसके बाद भी जब प्रदर्शनकारी नहीं रुके तो पुलिस ने उन पर लाठियाँ चला दी और पानी की बौछार मारी। इसमें कई लोग घायल हुए। संजौली की अवैध मस्जिद मामले में अब इस बीच नया मोड़ भी आ गया है। इसको गिराने के पक्ष में मुस्लिम वर्ग ही आ गया है।
मस्जिद कमिटी ने कहा- तोड़ तो अवैध निर्माण
मस्जिद के अवैध निर्माण पर हिन्दुओं के बढ़ते दबाव को देखकर संजौली मस्जिद कमिटी ने खुद ही इसे गिराने का प्रस्ताव दिया है। गुरुवार को मस्जिद कमिटी ने नगर निगम के अधिकारियों से मुलाक़ात की है। कमिटी ने कहा कि वह कोर्ट का आदेश आने पर मस्जिद में अवैध रूप से किया गया निर्माण तोड़ देंगे।
#WATCH | Mufti Mohammed Shafi Kasmi, Imam Jama Masjid Mosque, Shimla says, " We have said in it (memorandum) that, in this area, there is a huge requirement of brotherhood (between communities) in this border state. We have always lived here in harmony so to maintain… if a… pic.twitter.com/Itey3uqPC9
— ANI (@ANI) September 12, 2024
मस्जिद कमिटी ने कहा है कि वह कोर्ट का फैसला आने तक इसकी तीन मंजिलों को सील कर देंगे। इस मामले में अगली सुनवाई अक्टूबर में है। कमिटी ने यह मान लिया है कि मस्जिद में अवैध निर्माण हुआ है। उसके प्रतिनिधियों ने कहा है कि यह अवैध निर्माण बाहर से आने वाले मुस्लिमों के कारण हुआ है।
संजौली मजिस्द के इमाम शहजाद ने कहा है कि हमने मस्जिद का निर्माण हटाने और उसे सील करने का आवेदन दिया है। इमाम शहजाद ने यह भी कहा कि वह किसी प्रेशर में यह काम नहीं कर रहे हैं बल्कि इस भाईचारे को बचाना चाहते हैं। नगर निगम के आयुक्त भूपेन्द्र अत्री ने कहा है कि वह इस आवेदन पर अब विचार करेंगे।
CM सुक्खू के सलाहकार ने कहा- प्रदर्शनकारी भाजपा कार्यकर्ता
जहाँ एक ओर संजौली मस्जिद की कमिटी ने मान लिया है कि यहाँ अवैध निर्माण हुआ है, वहीं सुक्खू सरकार हिन्दू प्रदर्शनकारियों को भाजपा का कार्यकर्ता बताने में जुटी है। CM सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने प्रदर्शनकारियों को भाजपा कार्यकर्ता बता है। नरेश चौहान ने कहा, “मैं सबको निजी तौर पर जानता हूँ, यह सभी भाजपा के कार्यकर्ता हैं और चुनाव भी लड़ चुके हैं। ये लोग राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दे को उठाना चाहते हैं। यह मुद्दा हिन्दू-मुस्लिम का नहीं है।”
संजौली में अवैध भवन निर्माण को भाजपा द्वारा एक समुदाय को भड़का कर राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। यह मुद्दा हिन्दू, मुस्लिम से संबंधित नहीं है, यह केवल अवैध निर्माण से संबंधित है।#Shimla #Sanjauli #HimachalPradesh pic.twitter.com/FM98Eku7r2
— Naresh Chauhan (@Naresh_HPCC) September 11, 2024
कहाँ से चालू हुआ विवाद
राजधानी शिमला में बनी संजौली की मस्जिद में अवैध निर्माण को हटाने की लम्बे समय से माँग चल रही है। यह मामला हाल ही में मारपीट की एक घटना के बाद और गरमा गया। दरअसल, 31 अगस्त, 2024 को एक स्थानीय युवक यशपाल की मल्याना में मुस्लिम लड़कों से कहासुनी हुई।
इसके बाद मुस्लिम हिंसक हो गए, उन्होंने यशपाल पर हमला कर दिया और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। बताया गया कि हमला करने वाले यह युवक कुछ देर बाद संजौली की मस्जिद में छुप गए।इसके बाद आसपास के लोगों का गुस्सा भड़क गया। स्थानीय लोग यहाँ इकट्ठा होकर इन युवकों पर कार्रवाई करने की माँग करने लगे।
इसको लेकर पुलिस में भी मामला दर्ज करवाया गया। पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को पकड़ा, जिसमें 2 नाबालिग हैं। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम गुलनवाज, सारिक, सैफ अली और रोहित हैं। इनके साथ दो नाबालिग भी पकड़े गए, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। गिरफ्तार आरोपितों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया।
इस लड़ाई झगड़े की घटना के बाद यह मस्जिद विवादों के केंद्र में आ गई। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि संजौली की यह मस्जिद पहले कच्ची थी और मात्र दो मंजिल की थी। लेकिन 2010 के बाद इसमें तेजी से पक्का निर्माण किया जाने लगा। देखते देखते यह मस्जिद पाँच मंजिल तक पहुँच गई।
इस मामले में राज्य सरकार ने बताया कि 2010 में जब इस मस्जिद में अवैध निर्माण चालू हुआ तो शिमला नगर निगम ने नोटिस भी भेजे लेकिन निर्माण नहीं रुका। मस्जिद के निर्माण रोकने को लेकर 30-35 नोटिस भेजे जा चुके हैं। इसके आसपास एक अवैध निर्माण को शिमला नगर निगम ने तोड़ा भी था। फिर भी यह पाँच मंजिल मस्जिद शहर के बीचों-बीच खड़ी कर दी गई।
तबसे ही इस मस्जिद को लेकर स्थानीय लोग आंदोलन कर रहे हैं। मस्जिद के अवैध होने की बात हिमाचल सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी कही थी। स्थानीय लोगों को हिन्दू संगठनों की माँग है कि इस अवैध निर्माण को जमींदोज किया जाए और सरकार इसमें ढिलाई ना बरते। हालाँकि, सुक्खू सरकार बता रही है यह मामला अभी कोर्ट में है।