इस वसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) से नई शिक्षा नीति के तहत देश भर में छात्र अब भारतीय इतिहास का सही संस्करण पढ़ेंगे। इसकी घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बिहार में की है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 26 जनवरी 2023 से देश भर के छात्रों को भारतीय इतिहास का सही संस्करण पढ़ाया जाएगा। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।
प्रधान मंगलवार (27 दिसंबर 2022) को बिहार के सासाराम जिले के जमुहार में स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय (GNSU) में आयोजित भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) और अखिल भारतीय इतिहास संकल्प योजना के अधिवेशन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
अपने संबोधन के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पुस्तकों को सही तथ्यों के साथ फिर से प्रकाशित किया जा रहा है। नई पुस्तकें दुनिया को भारतीय इतिहास के बारे में स्पष्टता प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के सही इतिहास, भाषा और संस्कृति को समझने का मौका देगी।
Live: भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद एवं अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के त्रिदिवसीय महाधिवेशन एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी में। https://t.co/dBvbShZMPQ
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) December 27, 2022
देश भर के छात्रों को वसंत पंचमी के अवसर पर 26 जनवरी 2023 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारतीय इतिहास का सही संस्करण पढ़ाया जाएगा। प्रधान ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा को प्राथमिकता दी गई है। नई तथ्यों के साथ पुस्तकें प्रकाशित की जा रही हैं। नई किताबें डिजिटल मोड में भी उपलब्ध होंगी।
अपने संबोधन के दौरान प्रधान ने भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता सँभाले जाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “हमें G-20 को भारत का उत्सव बनाना होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि G-20 भारत की समृद्ध विरासत को दुनिया के सामने रखने का सुनहरा अवसर है।
आपको बता दें कि साल 2020 में केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP) को मंजूरी दी थी। इसके तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। इसी के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया था।