अमरीका के एक स्वघोषित साइबर विशेषज्ञ, सैयद शूजा, जिन्होंने भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को डिज़ाइन करने वाली टीम का हिस्सा होने का दावा किया है, ने लंदन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर दावा किया है कि वह दिखा सकते हैं कि EVM मशीनों को ‘हैक’ किया जा सकता है।
लंदन के इस टेक एक्सपर्ट का दावा है कि EVM मशीनों को हैक किया जा सकता है, यानि EVM से छेड़छाड़ की जा सकती है और 2014 के लोकसभा चुनावों में EVM मशीनों से गड़बड़ी की गई थी। सैयद शूजा का कहना है कि चुनाव आयोग के दावों के बावज़ूद वो EVM मशीनों को हैक कर के दिखा सकता है।
#NewsAlert | Experts who designed EVMs show how to hack. EVM hackathon in London underway | @_pallavighosh with more details pic.twitter.com/rmoJGiu7Pj
— News18 (@CNNnews18) January 21, 2019
अपने एक लाइव प्रसारण में सैयद शूजा नाम का यह व्यक्ति बता रहा है कि उन्होंने 2009 से लेकर 2014 तक ECIL के लिए काम किया था और उस पर 4 दिन पहले हमला किया गया था। भारतीय मूल के अमरीका टेक एक्सपर्ट सैयद शूजा ईवीएम हैकिंग पर डेमो देने की बात कह रहे हैं। इस व्यक्ति का कहना है कि इस डेमो के लिए चुनाव आयोग को भी न्यौता दिया गया था, लेकिन उनकी तरफ से कोई भी यहाँ नहीं पहुँचा है। इसके अलावा राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को भी बुलाया गया था, जिनमें से केवल कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल यहाँ पहुँचे हैं।
सैयद शूजा ने दावा किया है कि वह उस टीम का हिस्सा थे, जिसने ईवीएम डिज़ाइन की थी। उनकी डिज़ाइन की गई ईवीएम 2014 के लोकसभा चुनावों में इस्तेमाल हुई थी। सैयद शूजा कौन हैं और उनके दावों में कितनी सच्चाई है इसके बारे में फ़िलहाल कुछ साफ नहीं है, जबकि वो दावा कर रहे हैं कि वो इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (ECIL) के पूर्व कर्मचारी भी रह चुके हैं।
उसने कहा कि इस दौरान उसे लगा था कि ईवीएम मशीन के साथ कुछ गड़बड़ हुई है। इस टेक एक्सपर्ट ने अपने बयान में एक बड़ा खुलासा किया है। एक्सपर्ट का कहना है कि जब वो और उनकी टीम बीजेपी के नेताओं से मिलने के लिए हैदराबाद गई तो उनकी टीम पर गोलियाँ चलाई गई, जिसमें शूजा बच गए। शूजा का कहना है कि उन्होंने भाजपा नेताओं के साथ यह सोचकर एक बैठक की कोशिश की थी, कि वे भाजपा को ब्लैकमेल कर सकते हैं।
शूजा ने दावा किया है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में गड़बड़ हुई थी। उन्होंने कहा, यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ सभी जगह धोखाधड़ी हुई। ईवीएम को कम फ़्रीक्वेंसी सिग्नल से बाधित किया जा सकता है। शूजा ने कहा कि उन्हें और उनकी टीम को ECIL की तरफ से निर्देश दिए गए थे कि पता कीजिए EVM हैक हो सकती है या नहीं और यह पता करने के लिए कहा गया था कि ऐसा कैसे होता है। साथ ही उसने कहा कि बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे 2014 में EVM से छेड़छाड़ के बारे में जानते थे, इसीलिए इसके बाद उन्हें मार दिया गया। साथ ही, उन्होंने बताया कि तंज़ील अहमद नमक NIA अधिकारी इस सन्दर्भ में FIR फ़ाइल करने वाला था और उसकी भी मौत हो गई।
सैयद शूजा का कहना है कि वो एक बड़े नामी पत्रकार से मिला था और उसे इस बारे में पूरी कहानी बताई थी। शूजा ने कहा कि टीवी डिबेट में वो पत्रकार हर रात बहुत चिल्लाता है। शूजा ने दावा किया है कि उसे 12 राजनीतिक पार्टियों की तरफ से ईवीएम हैक करने के बारे में पूछा गया। उसने कहा बीजेपी, कांग्रेस, आप, एसपी और बीएसपी समेत राजनीतिक पार्टियां भी छेड़छाड़ में शामिल थी।
सैयद शूजा ने दावा किया है कि सीनियर जर्नलिस्ट गौरी लंकेश ने उनकी स्टोरी चलाने के लिए हामी भरी थी, लेकिन उनकी हत्या कर दी गई।
खुद को टेक एक्सपर्ट बता रहे शूजा ने दावा किया है कि साल 2014 के चुनाव में कॉन्ग्रेस ने ईवीएम हैकिंग के चलते 201 सीटें गँवाई थी। सैयद शूजा का कहना है कि भाजपा, सपा, बसपा और AAP के अलावा अन्य लोगों ने भी उनसे यह जानने के लिए संपर्क किया कि क्या ईवीएम को हैक किया जा सकता है?
सैयद शूजा के अनुसार, “एसपी, बीएसपी ने पूछा कि क्या वे ईवीएम से कुछ भी कर सकते हैं? हमने कॉन्ग्रेस से संपर्क किया, हमने सोचा कि हम उनकी मदद कर सकते हैं। AAP दुनिया को यह दिखाना चाहती थी कि EVM हैक की जा सकती है”। उन्होंने कहा कि उन्होंने अमेरिकी में राजनीतिक शरण ली है, और उन्होंने इसके लिए अमरीका को दस्तावेज़ दिए हैं।
ईवीएम एक्सपर्ट होने का दावा करने वाले इस व्यक्ति का कहना है कि अगर बीजेपी के लोगों पर नज़र नहीं रखी जाती तो बीजेपी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी ईवीएम हैक करने की कोशिश में थी, जिसके बाद ये लोग इन राज्यों में भी सरकार बना लेते। शूजा का दावा है कि टेलीकॉम कम्पनी रिलायंस जियो ने EVM हैक करने के लिए बीजेपी को कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल उपलब्ध कराए थे।
इसके बाद चुनाव आयोग ने कहा है कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता है। ईवीएम से दूर बैठे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है, क्योंकि इसमें ऐसा कोई भी नेटवर्किंग उपकरण मौजूद नहीं हैं, जिसे ब्लूटूथ या वाई-फाई के ज़रिए एक्सेस किया जा सके। इसलिए ईवीएम से छेड़छाड़ करने के लिए मशीन को खोलने की ज़रूरत पड़ेगी, जिसे चुनाव आयोग की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता। साथ ही, चुनाव आयोग ने इस पर क़ानूनी कार्रवाई करने की बात है।
हालाँकि, इस लाइव प्रसारण के बाद निर्वाचन आयोग के शीर्ष तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. रजत मूना ने सैयद शूजा के दावे को खारिज़ कर दिया है। आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर और चुनाव आयोग की टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी के मेंबर डॉ. रजत मूना ने हैकर के दावे को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा है कि ईवीएम मशीनों से किसी भी तरह से छेड़छाड़ नहीं हो सकती है और ये मशीनें टेंपर-प्रूफ हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनें ऐसी मशीनें हैं, जिनमें किसी भी प्रकार के वायरलेस संचार के माध्यम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।
यह प्रसारण यूरोप में इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (IJA) की तरफ से आयोजित किया गया था, जिसमें एक भारतीय मूल के अमरीकी साइबर एक्सपर्ट सैयद शूजा को बुलाया गया था। उन्होंने ईवीएम हैकिंग को लेकर कई बड़े दावे किए हैं। सैयद शूजा कौन हैं और उनके दावों में कितनी सच्चाई है इसके बारे में फ़िलहाल कुछ साफ नहीं है।