ट्विटर सीईओ ने संसदीय पैनल के समक्ष 11 फ़रवरी को पेश होने से इनकार कर दिया है। इस मामले में ट्विटर की तरफ से वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि संसदीय पैनल द्वारा पर्याप्त समय नहीं दिए जाने की वजह से ट्विटर, पैनल के समक्ष 11 फ़रवरी को अपना पक्ष नहीं रख पाएगा।
Twitter CEO and senior officials of the company have refused to appear before the Parliamentary Committee on Information Technology on February 11, citing “short notice” of the hearing
— ANI Digital (@ani_digital) February 9, 2019
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दरअसल, ट्विटर पर यह आरोप है कि सरकार की तरफ झुकाव रखने वाले यूजर्स की या तो पोस्ट रीच कम कर दी जाती है, या फिर ऐसे लोगों के एकाउंट्स सस्पेंड कर दिए जाते है।
5 फ़रवरी को सरकार की तरफ से संसदीय पैनल ने इस मामले में ट्विटर को एक नोटिस भेजा था। इस नोटिस में अभिव्यक्ति की आज़ादी को दबाने के मामले में पार्लियामेंट्री बोर्ड के सामने ट्विटर को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था।
The Parliamentary Commitee on Information Technology will examine the issue:
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) February 5, 2019
SAFEGUARDING CITIZENS RIGHTS ON SOCIAL/ONLINE NEWS MEDIA PLATFORMS
MEITY & TWITTER will present their views.
You can tweet/email your views:
[email protected] pic.twitter.com/bDYoSv5OHd
इस नोटिस में ट्विटर इंडिया को 11 फ़रवरी 2019 को दोपहर 3 बजे बोर्ड के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।
बता दें कि ट्विटर इंडिया पर अक्सर दक्षिणपंथी लेखकों के विरुद्ध एक पक्षपातपूर्ण रवैया रखने के आरोप लगते रहे हैं। विगत दिनों ट्विटर ने कुछ हैंडल्स को सिर्फ़ इस कारण से प्रतिबंधित कर दिया था क्योंकि वो दक्षिणपंथी विचारधारा रखते थे। इसके विरोध में कुछ लोगों ने ट्विटर इंडिया कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया था।