कश्मीर मुद्दे को वैश्विक पटल पर उठाकर लगातार अपनी फजीहत करवाने वाले पाकिस्तान को एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र ने झटका दे दिया हैं। जिससे साफ़ हो गया है कि यूएन कश्मीर मामले पर मध्यस्ता को लेकर पाक की अपील नहीं स्वीकारेगा।
दरअसल, इस बार यूएन के महासचिव के प्रवक्ता ने अपनी ओर से जारी बयान में स्पष्ट रूप कहा है कि दोनों देशों को ये मुद्दा आपसी सहमति के साथ सुलझाना होगा। इस मुद्दे पर मध्यस्ता को लेकर उनके स्टैंड में कोई बदलाव नहीं होगा।
यूएन के सेक्रेटरी जनरल के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बताया, “मध्यस्थता पर हमारा स्टैंड पहले जैसा ही है, उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। महासचिव ने दोनों देशों की सरकार से संपर्क किया है। जी-7 की बैठक में भारत के प्रधानमंत्री से मुलाकात कर इस पर चर्चा की और पाकिस्तान के विदेश मंत्री से इस पर बात हुई है।”
Stéphane Dujarric,Spox for UN Secretary-General on Kashmir: Our position on mediation has always remained the same. Secretary‑General has had contacts both with Govt of Pakistan&Govt of India. He saw PM of India at the sidelines of the G7.He had spoken to Pak Foreign Minister. pic.twitter.com/qYFHVjXMgN
— ANI (@ANI) September 11, 2019
मीडिया खबरों की मानें तो यूएन ने बार-बार पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे को उछालने पर कहा है कि दोनो देशों को शांतिपूर्ण तरीके से इस मामले का समाधान ढूँढना होगा। इसपर उनकी ओर से मध्यस्ता का अभी कोई विचार नहीं हैं।
हालाँकि, भारत शुरुआती समय से ही कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बताता आया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप के आगे भी इस बात को विनम्रता से बता चुके हैं कि ये दो देशों का मामला है और वह इसमें किसी और देश को परेशान नहीं करना चाहते। लेकिन, 5 अगस्त के बाद से पाकिस्तान लगातार इस मामले में तीसरे पक्ष को दखल देने के लिए गुहार लगा रहा है और अलग-अलग मौक़ो पर सभी देशों से इसपर आवाज उठाने की माँग कर रहा हैं।