उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने गौ रक्षा को ध्यान में रखते हुए एक अहम फै़सला लिया है। यूपी कैबिनेट ने आवारा पशुओं के आश्रय गृहों को वित्तपोषित करने के लिए बीयर और विदेशी शराब की बिक्री पर एक विशेष शुल्क को मंजूरी दे दी। अब इस राजस्व का इस्तेमाल अस्थायी गाय आश्रयों को बनाने में किया जाएगा।
रेस्तराँ और होटलों में विदेशी शराब पर प्रति बोतल 10 रुपए का विशेष शुल्क जबकि बीयर पर 5 रुपए का शुल्क लगेगा। इसके अलावा इकोनॉमी ब्रांड्स के बीयर और विदेशी शराब की बॉटलिंग पर भी विशेष शुल्क लगाया गया है। ये शुल्क 1 रुपए से लेकर 3 रुपए प्रति बोतल तक है। प्रदेश में बनने वाली बीयर और शराब के आयात शुल्क पर 50 पैसे से 2 रुपए प्रति बोतल का शुल्क लगाया जाएगा।
गौ रक्षा के लिए सालाना हो सकेगा लगभग 165 करोड़ रुपए का इंतज़ाम
आबकारी विभाग के आँकड़ों की मानें तो वर्तमान में हो रही शराब और बीयर की बिक्री के हिसाब से एक साल में गौ रक्षा के लिए लगभग 165 करोड़ रुपए जुटाया जा सकेगा। 2 जनवरी को सरकार ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं के खतरे से निपटने के लिए राज्य में अस्थायी गौ आश्रमों की स्थापना के लिए निर्देश दिए थे।
आबकारी विभाग को इन आश्रयों को बनाने और रखरखाव करने के लिए विभिन्न वस्तुओं पर शुल्क लगाने के लिए कहा गया था। आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा, “इस प्रणाली से राजस्व बढ़ेगा और विभाग राज्य में सालाना 165 करोड़ रुपए का योगदान दे सकता है।”