मध्य प्रदेश में सत्ताधारी कॉन्ग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। कमलनाथ सरकार से नाराज़ चल रहे क़रीब 25 कॉन्ग्रेसी विधायकों ने लामबंद होकर अपना एक अलग क्लब बना लिया है। ये विधायक राज्य सरकार के मंत्रियों से ख़फ़ा हैं। इस क्लब में कॉन्ग्रेसी विधायकों के अलावा कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय व अन्य दलों के विधायक भी शामिल हैं। कहा जा रहा है कि इनमे से अधिकतर ऐसे विधायक हैं जो पहली बार चुन कर आए हैं।
सीएम कमलनाथ को BSP विधायक की जैसा वो कहे ऐसा ही करने की धमकी !https://t.co/gF4Cl5tZJw @OfficeOfKNath @Mayawati @BJP4India @BJP4MP @INCMP pic.twitter.com/fU1inLO6sH
— MP Tak (@MPTakOfficial) February 21, 2019
बसपा विधायक रामबाई ने मीडिया को बताया कि इस क्लब में 28-30 विधायक हैं। उन्होंने कहा, “एक बार लोकसभा चुनाव हो जाए, फिर काहे का समर्थन?” उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया। नाराज़ कॉन्ग्रेस विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने समाचार चैनल आज तक से बात करते हुए बताया कि उन्होंने मुसीबत के समय कॉन्ग्रेस का साथ दिया लेकिन उन्हें वादे के मुताबिक़ मंत्रीपद नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि अब कोई भी उन्हें कॉन्ग्रेस में अहमियत नहीं देता। उन्होंने कहा कि मंत्री उनके फोन भी नहीं उठाते और विधायकों की कोई सुनवाई नहीं होती।
MP की कमलनाथ सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा कांग्रेस से हुए नाराज़। बोले ‘मुसीबत के वक़्त कांग्रेस को दिया समर्थन लेकिन वादे के बावजूद नहीं दिया मंत्री पद। अब कांग्रेस में कोई नहीं देता तवज्जो।’ आजतक संवाददाता @ReporterRavish की #ReporterDiary pic.twitter.com/70UnNno5nt
— आज तक (@aajtak) February 21, 2019
मीडिया में आ रही ख़बरों की मानें तो विधायक अधिकारियों के तबादले को लेकर नाराज़ हैं। उनका कहना है कि सरकार उन्हें भरोसे में लिए बिना उनके क्षेत्र के अधिकारियों का तबादला कर रही है। इसके अलावा भूमिपूजन व शिलान्यास कार्यक्रमों में भी विधायकों की उपेक्षा की जा रही है। राजधानी भोपाल के एक होटल में बैठक कर इन विधायकों ने आगे की रणनीति बनाई। वे मुख्यमंत्री कमलनाथ से जल्द ही मुलाक़ात करेंगे।
विधायकों ने बताया कि शिलान्यास-पट्टी में उनके नाम तक नहीं लिखे जा रहे हैं। उन्होंने माँग की कि उनके और सीएम के बीच में समन्वय बनाने के लिए किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त कर दिया जाए जो इसमें सक्षम हो। मध्य प्रदेश की 231 सदस्यीय विधानसभा में कॉन्ग्रेस के 114 विधायक हैं जबकि बसपा के दो व सपा के एक विधायक हैं। इनके अलावा सरकार को 4 निर्दलीयों का भी समर्थन प्राप्त है। कुल मिलाकर कमलनाथ के नेतृत्व में चल रही सरकार के पास 121 विधायकों का समर्थन है।