छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में धर्मान्तरण के विरोध में सैकड़ों ग्रामीणों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपने घर परिवार के लोगों के ईसाई बन जाने का आरोप लगाया है। ग्रमीणों ने इसे अपनी संस्कृति पर खतरा बताया है और ये सब न रुकने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है। हालाँकि, मौके पर पुलिस ने पहुँच कर हालात को संभाला। घटना रविवार (7 अगस्त 2022) की है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक मामला राजिम के गाँव कौंदकेरा का है जहाँ हर रविवार को ईसाइयों की प्रार्थना सभा होती है। इस बार प्रार्थना सभा आयोजित होते ही वहाँ ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उस प्रार्थना में कुछ बाहरी लोग भी आते है। वो हमें ईसाई बनाने के लिए तरह-तरह के लालच देते हैं। हालत ऐसे हो चुके हैं कि एक ही माता-पिता के अलग-अलग बच्चे अब अलग-अलग मजहब में हैं।”
मिली जानकारी के मुताबिक यह सभा कांकेर के संतोष कुमार मरकाम के घर पर होती है। हालाँकि, ग्रामीणों के गुस्से को देख कर उन्होंने भी अपने कदम पींछे खींच लिए हैं। उन्होंने दुबारा किसी को बाहर से न बुलाने की हामी भरी है। आक्रोश की सूचना पर मौके पर पहुँचे SDM अविनाश को भी ग्रामीणों ने सख्त अंदाज़ में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि धर्मान्तरण न रुका तो वो सब उग्र आंदोलन करेंगे। इस दौरान ग्रामीणों ने SDM से ये भी कहा कि धर्मान्तरण सिर्फ उनके ही नहीं बल्कि अन्य कई गाँवों में भी हो रहा है।
बताया जा रहा है कि गाँव वालों ने सोशल मीडिया से भी ईसाई धर्मान्तरण के विरोध की अपनी इस मुहिम को हवा दी है। अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान गाँव वालों ने न सिर्फ गाँव में दोबारा इसे धर्मान्तरण न करने देने का संकल्प लिया बल्कि धर्मांतरित हो चुके लोगों की घर वापसी का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा, “जो लोग भी अपना मूल धर्म बदल चुके हैं उन्हें एक बार फिर से वापस लाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए उनके हाथ में नारियल पकड़ाया जाएगा। जो भी व्यक्ति वापस आता है वही उनका अपना होगा। जो वापस नहीं आता उसे विदेशी माना जाएगा।”
वहीं छत्तीसगढ़ के जशपुर के साजबहार गाँव से भी एक मामला सामने आया है। यहाँ सरपंच सोनम लकड़ा के घर चंगाई सभा में ईसाई धर्मान्तरण का आरोप लगाया है। जिसमें भाजयुमो ने हंगामा कर दिया। बता दें कि यहाँ हिन्दू युवा नेता विजय सिंह जूदेव सरपंच सोनम लकड़ा के घर पहुँचे थे। उनके मुताबिक यहाँ चंगाई सभा कर रहे थे। उनका आरोप है कि यहाँ चंगाई सभा की आड़ में लोगों को ईसाई बनाने का काम हो रहा था। लेकिन हमने उनकी करतूत पर पानी फेर दिया। उनके मुताबिक प्रार्थना सभा में हिन्दू समुदाय के 4 लोग शामिल थे। जिसके बाद भाजयुमो के कार्यकर्ता भड़क गए और सरपंच को बर्खास्त करने की माँग करने लगे।
हालाँकि, यहाँ पुलिस ने उल्टे हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं को ही गिरफ्तार कर लिया है। और ईसाई धर्मान्तरण से इनकार कर दिया है।
गौरतलब है कि मई 2022 में छत्तीसगढ़ के जशपुर में ग्रामीणों की शिकायत पर 2 पादरी धर्मान्तरण करवाते हुए गिरफ्तार किए गए थे। इसी के साथ अक्टूबर 2021 में भी दुर्ग जिले में ग्रामीणों ने धर्मान्तरण के आरोप में 45 ईसाइयों को बंधक बना लिया था। बता दें कि ईसाई धर्मान्तरण को रोकने के लिए दिसम्बर 2021 में जशपुर में आयोजित एक सम्मेलन में जनजातीय सुरक्षा मंच ने राज्य सरकार से अवैध धर्मान्तरण पर तत्काल रोक लगाने को कहा था।