बांग्लादेश ने भारत में अवैध तरीके से रह रहे अपने देश के लोगों की सूची माँगी है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने रविवार (दिसंबर 15, 2019) को कहा कि हमने भारत से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की सूची मुहैया कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा सूची मुहैया कराने पर उन नागरिकों को लौटने की मंजूरी दी जाएगी।
वहीं, भारत की राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) पर एक सवाल के जवाब में मोमेन ने कहा कि बांग्लादेश-भारत के संबंध सामान्य और काफी अच्छे हैं तथा इन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मोमेन ने व्यस्त कार्यक्रम का हवाला देते हुए गुरूवार (12 दिसंबर) को भारत की अपनी यात्रा रद्द कर दी थी।
Here’s what Bangladesh Foreign Minister A K Abdul Momen said on illegal Bangladeshis living in Indiahttps://t.co/CFRTwWG5AH
— News Nation (@NewsNationTV) December 16, 2019
उन्होंने कहा कि भारत ने एनआरसी प्रक्रिया को अपना आंतरिक मामला बताया है और ढाका को आश्वस्त किया कि इससे बांग्लादेश पर असर नहीं पड़ेगा। भारत के विरोध की अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, “कुछ भारतीय आर्थिक कारणों से बिचौलियों के जरिए बांग्लादेश आ जाते हैं। लेकिन यदि हमारे नागरिकों के अलावा कोई बांग्लादेश में घुसता है तो हम उसे वापस भेज देंगे।”
मोमेन ने कहा कि बांग्लादेश ने नई दिल्ली से अनुरोध किया है कि अगर उसके पास भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की कोई सूची है तो उन्हें मुहैया कराए। उन्होंने कहा, “हम बांग्लादेशी नागरिकों को वापस आने की अनुमति देंगे क्योंकि उनके पास अपने देश में प्रवेश करने का अधिकार है।” यह पूछे जाने पर कि उन्होंने भारत की यात्रा रद्द क्यों कर दी, इस पर मोमेन ने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम और विदेश मामलों के राज्य मंत्री शहरयार आलम और देश में मंत्रालय के सचिव की अनुपस्थिति के कारण उन्होंने यात्रा रद्द कर दी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मोमेन और गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने संसद में विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक के पारित होने के बाद पैदा हुई स्थिति को देखते हुए भारत की अपनी यात्रा रद्द कर दी। मोमेन ने अपनी यात्रा रद्द करने से पहले गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान को गलत बताया था जिसमें कहा गया था कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किया गया। भारत में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि मोमेन ने अपनी यात्रा रद्द करने के बारे में भारत को बता दिया है और साथ ही यह भी कहा गया कि अमित शाह ने सैन्य शासन के दौरान बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का हवाला दिया था, न कि मौजूदा सरकार के शासन में।
बता दें कि 30 अगस्त को NRC की अंतिम लिस्ट प्रकाशित हुई थी। इसके लिए 3.3 करोड़ आवेदकों ने आवेदन किया था। जिसमें से 19 लाख से अधिक लोगों को बाहर रखा गया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सितंबर में न्यूयॉर्क में द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ NRC का मुद्दा उठाया था। हालाँकि भारत ने बता दिया कि यह मुद्दा देश का आंतरिक मामला है।
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