800 वर्षों की परंपरा को तोड़ कर सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली महिला की उसकी सास ने बुरी तरह पिटाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने सितम्बर 2018 में महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की इजाज़त दे दी थी जिसके बाद श्रद्धालुओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। उच्चतम न्यायलय के उस निर्णय के बाद कनकदुर्गा सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली पहली महिला थी। 39 वर्षीय कनकदुर्गा ने एक अन्य महिला के साथ सबरीमाला की सैकड़ों साल पुरानी परंपरा को धता बताते हुए मंदिर में प्रवेश किया था।
ताज़ा ख़बर के अनुसार मंदिर में प्रवेश करने के बाद पहली बार घर पहुँची कनकदुर्गा पर उनकी सास ने हमला कर दिया। उसकी सास ने उसे इतनी बुरी तरह पीटा कि कनकदुर्गा को तुरंत अस्पताल पहुँचाना पड़ा। अभी उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर वापस लौटने के बाद कनकदुर्गा कई दिनों से घर नहीं पहुँची थी और किसी गुप्त स्थान पर छिपी हुई थी। लोगों को लगा था कि वो शायद प्रदर्शनकारियों से बचना चाह रही हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कनकदुर्गा जैसे ही अपने घर पहुँची, उस से नाराज़ उसकी सास ने लकड़ी के तख्ते से उसपर हमला कर दिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी। उसके बाद उन्हें आनन-फानन में पेरिंथलमन्ना के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया जहाँ अभी भी उसका इलाज चल रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार उसकी सास ने लकड़ी के तख्ते से उसके सिर पर वार किया। फ़िलहाल पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और आगे की करवाई की जा रही है।
कनकदुर्गा का परिवार उस से तभी से नाराज़ चल रहा था जब से उसके सबरीमाला में प्रवेश करने की ख़बर आई थी। उसके भाई ने इसे CPM और केरल पुलिस की साजिश बताया था। ज्ञात हो कि केरल के मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन ने सबरीमाला में प्रवेश करने वाली इन महिलाओं को पूरी सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद इन्हे पुलिस प्रोटेक्शन के साथ उसे आधी रात को मंदिर की सीढ़ियों पर ले जाया गया। रात के क़रीब तीन बजे कनकदुर्गा एक अन्य महिला के साथ सबरीमाला के अंदर घुसने में सफल हो गई थी। उसके साथ गई महिला का नाम बिंदु है जो केरल में सत्ताधारी पार्टी CPM की कार्यकर्ता है।
कई ख़बरों के मुताबिक़ अब तक 10 महिलाएँ सबरीमाला मंदिर के अंदर प्रेवश करने का दावा कर चुकी है। सबरीमाला की पुरातन प्रथा की रक्षा के लिए श्रद्धालु कई दिनों से सड़कों पर हैं और केरल की वामपंथी सरकार के ख़िलाफ़ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में अब तक केरल पुलिस ने 5000 से भी अधिक श्रद्धालुओं को गिरफ़्तार किया है।