बॉलीवुड और तमिल फिल्मों में बड़े पैमाने पर काम करने वाले लोकप्रिय अभिनेता रंगनाथन माधवन (आर माधवन) ने सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएँ दी और सोशल मीडिया पर अपने बेटे के साथ खुद की एक फ़ोटो शेयर की। इस फ़ोटो में दोनों ने जनेऊ पहन रखा है। फ़ोटो में दिख रहा है कि आर माधवन का बेटा उनकी बहन की अनुपस्थिति में अपने पिता के हाथ पर राखी बाँध रहा है।
When your son ties Rakhi to you because your Sister sent it to him . Ha ha ha .. WISH YOU AL A VERY HAPPY RAKSHA BANDHAN. pic.twitter.com/Ty8sc53oHJ
— Ranganathan Madhavan (@ActorMadhavan) August 15, 2019
इस फ़ोटों के लिए आर माधवन को लिबरल गैंग द्वारा ट्रोल किया जा रहा है। उनके अनुसार, जनेऊ, यज्ञोपवीतम या जिसे तमिल में पूनल कहा जाता है, जातिवाद का प्रतीक है और माधवन को अपने पूर्वजों की परंपराओं को बनाए रखने के लिए ख़ुद पर शर्म आनी चाहिए।
Lol 2019 and people still think these threads (both Janeu and Rakhi) are worth celebrating https://t.co/u7CFVYdm1I
— India Against Fascism ?️??? (@LiberalMantri) August 15, 2019
लिबरल्स के अनुसार, माधवन को अपनी पहचान को लेकर शर्मिंदा होना चाहिए।
@ActorMadhavan you showing your identity ??♂️ pic.twitter.com/cW7yvR2AkI
— sathish kumar .m (@sathishkumarm9) August 15, 2019
रक्षाबंधन मनाने के लिए भी माधवन पर हमला किया गया।
One is casteist the other patriarchical. Rakhi can perhaps be salvaged I see colleagues do it mainly as a inter-gender friendship thing but the janeu – never!
— Conrad Barwa (@ConradkBarwa) August 15, 2019
आज का दिन अवनी अवित्तम का भी शुभ दिन है, जिस दिन ब्राह्मण अपने जनेऊ बदलते हैं। अभिनेता आर माधवन ने इंस्टाग्राम पर ख़ुद की एक फ़ोटो पोस्ट की जिसमें उन्होंने सभी को इस दिन की शुभकामनाएँ दी।
लिबरल्स गलियारे में, विशेष रूप से द्रविड़वादी राजनीति में, पूनल को नरसंहार और उत्पीड़न के प्रतीक से जोड़ा गया। इसे जातिवाद का प्रतीक माना जाता है, न कि हिन्दुओं के एक विशेष वर्ग की परंपराओं का। नाजी जर्मनी में यहूदियों के ख़िलाफ़ घृणा की तर्ज पर नरसंहार का प्रचार मुख्यधारा की द्रविड़वादी राजनीति में काफी प्रचलित है। इस प्रकार, यह वास्तव में आश्चर्य की बात नहीं है कि माधवन को उनकी हाल की फ़ोटो के लिए ट्रोल किया जा रहा है।
इससे पहले, माधवन को कुछ लिबरल्स द्वारा पीएम मोदी के अभियान का समर्थन करने के लिए भी ट्रोल किया गया था। पीएम मोदी और चीन के प्रधानमंत्री शी जिनपिंग के बीच बातचीत का मज़ाक उड़ाने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी ने उन्हें ‘सेक्यूलर लिबरल’ का समर्थन करने के लिए आमंत्रित भी किया था।