अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद से महिलाओं पर लगातार अत्याचार जारी हैं। तालिबान ने अपनी छवि बदलने का दिखावा करते हुए कहा था कि वह महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण करेगा, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है। तालिबानी महिलाओं से किया गया वादा तोड़ रहे हैं, उन्हें बुर्के में रहने को मजबूर किया जा रहा है। यहाँ तक कि महिलाओं पर सरे आम कोड़े बरसाए जा रहे हैं। इसको लेकर अफगान महिलाओं ने सोशल मीडिया पर तालिबान के खिलाफ अभियान शुरू किया है।
I wear my traditional Afghan dress proudly.
— Tahmina Aziz (@tahmina_aziz) September 12, 2021
It’s colourful and beautiful.
Not at all like the images you saw circulating yesterday.
Thank you @RoxanaBahar1 who’s encouraging us #AfghanWomen to share the beauty of #AfghanistanCulture. pic.twitter.com/OAyNhku78l
बुर्का और हिजाब पहनने के लिए तालिबान के आदेश का विरोध करने के लिए अफगान महिलाएँ अपने पारंपरिक परिधानों में खुद की तस्वीरें ट्वीट कर रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान द्वारा छात्राओं के लिए नए ड्रेस कोड के विरोध में दुनिया भर से अफगान महिलाओं ने एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया है। वे तालिबान द्वारा प्रचारित इस्लाम के खिलाफ अपनी संस्कृति को पूरी दुनिया के सामने ला रही हैं। वह लिख रही हैं कि तालिबान के शासन में जो किया जा रहा है वह ‘हमारी संस्कृति नहीं’ है। वे रंगीन पारंपरिक अफगान पोशाक पहने हुए खुद की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रही हैं।
I showed my very religious, very conservative Pashtun grandma whose lived all over from Kabul & Kandahar to Sorkhab and other rural areas. She was incredibly disappointed in the garbs that these plants have started wearing. This is not our culture nor religion. https://t.co/8PbUPsNbag
— asiya | آسيه 🇦🇫 (@asiyabrkz) September 11, 2021
अफगानिस्तान में अमेरिकी विश्वविद्यालय की इतिहास की पूर्व प्रोफेसर डॉ. बहार जलाली द्वारा शुरू किए गए अभियान में सैकड़ों महिलाएँ बिना हिजाब पहने अपनी तस्वीरें #DoNotTouchMyClothes और #AfghanistanCulture जैसे हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कर रही हैं।
जलील ने भी सुंदर गहरे हरे रंग की पोशाक पहने हुए एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया, “मैं दुनिया भर में अफगान नागरिकों को अफगान संस्कृति की सुंदरता साझा करने के लिए प्रोत्साहित करती हूँ। आज अफगान राष्ट्र और उसकी पहचान को विदेशी आतंकवादियों द्वारा क्रूर हमले का सामना करना पड़ रहा है, इन्होंने हमारी धरती को बंधक बना लिया है और हमारे लोगों पर विदेशी संस्कृति थोप रहे हैं।”
This is Afghan culture. I am wearing a traditional Afghan dress. #AfghanistanCulture pic.twitter.com/DrRzgyXPvm
— Dr. Bahar Jalali (@RoxanaBahar1) September 12, 2021
देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचलित पारंपरिक अफगान पोशाक के साथ ट्वीट करते हुए सैकड़ों महिलाएँ तेजी से इस अभियान में शामिल हुईं। इस दौरान कुछ सिर के आभूषण पहने हुए भी दिखाई दीं, जबकि अन्य ने लंबे कुर्ते पहने थे, ये बेहद खूबसूरत थे। महिलाओं ने कहा कि ये हमारी संस्कृति का हिस्सा है। उनमें से लगभग सभी ने हिजाब पहनने की बात से इनकार किया और कहा कि हिजाब कभी भी उनकी संस्कृति का हिस्सा नहीं था।
#DoNotTouchMyClothes pic.twitter.com/PVceYHB3pO
— Fari SQ (@fari_sq) September 14, 2021
बता दें कि हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें दो शख्स महिला पर कोड़े बरसाते नजर आ रहे थे और उनके चीखने की आवाज सुनाई दे रही है। सामने गाड़ी होने की वजह से यह बता पाना मुश्किल था कि इस बर्बरता का शिकार कौन हो रहा है।
हालाँकि, यह दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो अफगानिस्तान का है। NRF (national resistance front) से जुड़ी खबरों को ट्विटर पर शेयर करने वाले पेज Panjshir_Province ने यह वीडियो शेयर किया है। इसमें तालिबान लड़ाकों द्वारा एक महिला को कोड़े मारते दिखाया जा रहा है। पेज पर लिखा गया, “यह बर्बर है। तालिबान एक महिला को बेरहमी से कोड़े मार रहा है, जबकि वह बेबस होकर चिल्ला रही है।”