ब्राज़ील ने अमेज़न रेन फॉरेस्ट में लगी भयंकर आग को बुझाने के लिए जी-7 की तरफ से की गई मदद की पेशकश को ठुकरा दिया। ब्राज़ील के एक शीर्ष अधिकारी ने यह मदद अस्वीकार करते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से कहा कि वे अपने घर और क्षेत्र पर ध्यान दें। ब्राज़ील की इस हरक़त से नाराज़ डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) ने रविवार (26 अगस्त) को दिल्ली में ब्राजील के दूतावास के पास ‘विरोध-प्रदर्शन’ किया। बता दें कि DYFI एक वामपंथी संगठन है जिसे CPI (M) की युवा शाखा माना जाता है।
DYFI के अखिल भारतीय अध्यक्ष पीए मोहम्मद रियास ने दिल्ली में ब्राजील के दूतावास के सामने DYFI कैडर के विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें शेयर की थीं। तस्वीरों में कुल 12 DYFI सदस्यों को 3 पेपर प्लेकार्ड और 5 कम्युनिस्ट झंडे पकड़े हुए दिखा जा सकता है।
लेकिन, ग़ौर करने वाली बात यह है कि विरोध-प्रदर्शन की उत्सुकता में DYFI के सदस्य यह भूल गए कि रविवार को छुट्टी होने की वजह से ब्राजील दूतावास बंद था।
सोशल मीडिया पर जब इस विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें सामने आईं तो यूज़र्स ने उनकी इस भूल पर कई सवाल खड़े किए और जमकर खिंचाई भी की।
Thank god they haven’t staged protest in front of @amazon or @amazonIN office ?
— King in the North ? (@skywalker8901) August 26, 2019
Like they used to before the US Consulate in Kolkata during Vietnam war – and then Left Front renamed that street from Harrington Street to its present name Ho Chi Min Sarani ??
— GhoseSpot (@SandipGhose) August 26, 2019
I tried my best to locate some youth in this pic..Couldnt….Maybe they are the JNU-Standard youth.. ?https://t.co/xR2cMykxTf
— radha raju (@radharaju18) August 26, 2019
अमेज़न के जंगलों पर चिंता व्यक्त करने वाले कम्युनिस्ट अपने आप में विडंबनापूर्ण हैं। उन्होंने केरल पर माधव गाडगिल समिति की रिपोर्ट के ख़िलाफ़ कई प्रदर्शन किए थे। रिपोर्ट में कहा गया था कि पश्चिमी घाट के जंगलों को नुक़सान पहुँचाने के कारण केरल में पर्यावरणीय आपदाएँ आ सकती हैं। माकपा ने पश्चिमी घाट के संरक्षण के लिए ठोस क़दमों का सुझाव देने वाली गाडगिल समिति की रिपोर्ट के कार्यान्वयन को रोकने के लिए सक्रिय रूप से अभियान चलाया था।
इससे पहले, DYFI को केरल के मलप्पुरम पोस्ट ऑफिस के सामने कश्मीर में अनुच्छेद-370 को रद्द करने के ख़िलाफ़ ‘विरोध’ प्रकट करने के लिए सोशल मीडिया पर भी ट्रोल किया गया था।
Postmaster Raghavan of Malappuram Thenjippalam post office has been the eye of storm in Kerala today!#DYFI has squarely blamed him for revoking #A370 in Rajyasabha!
— നചികേതസ് (@nach1keta) August 5, 2019
Both the postmaster and people of Kerala has no clue what’s wrong with these young #Commies pic.twitter.com/2J3HELtHhs