अयोध्या में पवित्र श्रीराम मंदिर के ऐतिहासिक भूमिपूजन के अवसर पर पूरा देश उत्सव के मूड में है, लेकिन देश के कुछ चुनिन्दा इस्लामिक और सेक्युलर विचारकों ने आज इस शुभ दिन पर हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलने का अपना पारम्परिक व्यवसाय जारी रखते हुए खुदको प्रासंगिक बनाए रखा है।
लिबरल जमात का यह मानसिक आघात सिर्फ भूमिपूजन के दिन ही शुरू नहीं हुआ बल्कि पिछले काफी समय से वो इस ‘बुरे दौर’ से गुजर रहे थे और आज उनका यह दुःख बरबस फूट रहा है। यही वजह है कि कुछ ही दिन पहले ट्विटर पर ‘कहीं पूजन, कहीं सूजन’ जैसे दुखद हैशटैग ट्रेंड कर रहे थे।
आज के दिन की शुरुआत में ही सबसे पहले जहाँ ओवैसी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक जहरीले बयान से हुई, वहीं यह क्रम पूरे दिन जारी रहा और इस्लामिक प्रपंचकारी राणा अयूब से लेकर आरफ़ा खानम रह-रहकर अपना दर्द ट्विटर पर उगलते रहे।
इस्लामिक विचारधारा समर्थक राना अयूब तो इस बात से भी खफ़ा हैं कि कॉन्ग्रेसी नेता भी राम मंदिर के जश्न में हिन्दुओं के साथ अपनी उपास्थिति दर्ज कराने के लिए मरे जा रहे हैं।
दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट में लिखा- “अयोध्या में राम मंदिर की ऐतिहासिक नींव रखने पर भारत के लोगों को मेरी हार्दिक बधाई, जो कि हर भारतीय की लम्बे समय से इच्छा थी। भगवान राम के धर्म का सार्वभौमिक संदेश न केवल भारत के लिए, बल्कि दुनिया के लिए मार्गदर्शक बना हुआ है।”
इस से राना अयूब अपने भीतर के ज्वालामुखी को रोक नहीं सकीं और उन्होंने इस ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा – “भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस अपना असली चेहरा दिखाते हुए।”
2002 के गुजरात दंगों की काल्पनिक कहनियों को अपनी पत्रकारिता बताने वाली राना ने इससे पहले एक अन्य ट्वीट में लिखा – “हम हैरान क्यों हैं? यहाँ एक ऐसा व्यक्ति है जिसने मुस्लिमों का नरसंहार किया और उसके लिए उसे सत्ता मिली। वह शख्स, जिसने उन्हें हिंदू भारत का सपना बेचा था और अब इसे पूरा कर रहा है। यह नाटक बंद करो।”
वहीं, जेएनयू की फ्रीलांस प्रोटेस्टर शेहला रशीद ने राम मंदिर पर कोई विशेष टिप्पणी ना करते हुए बस पीएम मोदी की दाढ़ी और नए लुक पर सवाल किया कि आखिर मोदी जी ‘एर्तुग्रुल दाढ़ी’ क्यों रख रहे हैं?
Why is Modi sporting an Ertugrul beard?
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) August 5, 2020
शेहला के इस ट्वीट के जवाब में कई तरह की प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं, जिनमें से कुछ लोगों ने भाषा की मर्यादा का ध्यान ना रखते हुए पीएम मोदी की दाढ़ी की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ भी की।
btw 🙏🏻🧡 ye Chattarapati Shiva Ji Maharaj ka beard style hai, Aunty 🚩🇮🇳 thora sαpno se bhr niklo pic.twitter.com/L4XdiWVNOt
— thejadooguy (@JadooShah) August 5, 2020
शीला भट्ट ने द प्रिंट के संस्थापक शेखर गुप्ता से जुड़े एक किस्से को याद दिलाते हुए ‘इंडिया टुडे’ मैगजीन की कवर फोटो शेयर किया जिसमें अयोध्या बाबरी विध्वंस का जिक्र करते हुए मुख्य पन्ने पर लिखा था- “राष्ट्रीय कलंक।”
इस फोटो के साथ शीला भट्ट ने लिखा है – “दिसंबर 1992 में, इंडिया टुडे के गुजराती संस्करण, (तब, मैं वरिष्ठ संपादक थी और शेखर गुप्ता इसके संपादक थे) ने इसके कवर पर लिखा था ‘राष्ट्र नु कलंक।’ गुजरात का तब तक इतना भगवाकरण कर दिया गया था कि पाठकों ने गुजराती इंडिया टुडे के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। आखिरकार गुजराती संस्करण बंद हो गया।”
इसके जवाब में शेखर गुप्ता ने अपने दर्द का स्मरण करते हुए लिखा है – “हमने अक्टूबर 1992 में गुजराती संस्करण का शुभारंभ किया था। 6 सप्ताह के भीतर, हम 75 हजार तक बढ़ गए थे। इसके बाद अयोध्या के शीर्षक और कवरेज में विरोध की बाढ़ आई। अगले 4 हफ्तों में, हम 25 हजार तक गिर गए। संस्करण हमारे मार्केटिंग हेड के कहे अनुसार ही डूब गया।”
We launched the Gujarati edition in Oct 1992. Within 6 weeks, our circ rose to 75k. After this Ayodhya headline and coverage there was an avalanche of protest letters. In the next 4 weeks, circ fell to 25k. The edition died, as our marketing head had predicted. https://t.co/6URhdY99P9
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) August 5, 2020
‘द प्रिंट’ की ही जर्नलिस्ट जैनाब सिकंदर ने ट्वीट किया है – “मुझे अयोध्या में सैंटा की मौजूदगी महसूस हो रही है।”
I feel the presence of Santa in Ayodhya
— Zainab Sikander Siddiqui (@zainabsikander) August 5, 2020
🎅
इसके जवाब में उन्हें ट्विटर यूजर ने कई क्रिएटिव जवाब दिए –
अयोध्या तो झाँकी है ,काशी मथुरा बाकी है🚩🚩🚩🚩🚩🚩 pic.twitter.com/E4TUSQXyCJ
— nationalist raj (@Rajsing48572970) August 5, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का भूमिपूजन किए जाने पर असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) देश है और पीएम मोदी ने राम मंदिर की आधारशिला रखकर प्रधानमंत्री कार्यालय की शपथ का उल्लंघन किया है। ओवैसी ने कहा कि यह लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता की हार और हिंदुत्व की सफलता का दिन है।
The Prime Minister today said he was emotional. I want to say that I am also equally emotional because I believe in coexistence and equality of citizenship. Mr Prime Minister, I am emotional because a mosque stood there for 450 years: AIMIM chief Asaduddin Owaisi https://t.co/2nUjt9IKCk
— ANI (@ANI) August 5, 2020
इसके अलावा आईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपना दर्द शेयर करते हुए कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं भावुक हूँ। मैं कहना चाहता हूँ कि मैं भी उतना ही भावुक हूँ क्योंकि मैं सह-अस्तित्व और नागरिकता की समानता में विश्वास करता हूँ। प्रधानमंत्री, मैं भावुक हूँ क्योंकि एक मस्जिद 450 साल से वहाँ खड़ी थी।”