वायरल वीडियोज़ ऍप टिकटॉक ने अपने एक यूज़र के अकाउंट को सस्पेंड कर दिया है, क्योंकि उसने चीन में उइगरों के साथ हो रहे अमानवीय अत्याचार की पोल खोलने की जुर्रत की थी। फ़िरोज़ा ने ट्विटर पर बताया कि टिकटॉक ने उन पर एक महीने का प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन साथ ही साफ़ किया कि ऐसी ओछी हरकत कर के उनका मुँह नहीं बंद किया जा सकता है। गौरतलब है कि टिकटॉक ऍप की मालिक कम्पनी बाइटडांस चीन के सोशल मीडिया जगत में बहुत बड़ा नाम है।
I am blocked from posting on tik tok for a month. This won’t silence me.
— feroza.x (@x_feroza) November 25, 2019
दरअसल फ़िरोज़ा ने अपने एक वीडियो को बड़ी ही चालाकी से देखने में पलकें लम्बी करने के लिए ब्यूटी टिप्स की तरह से बनाया, और उसमें पलकें लम्बी करने का हुनर सिखाने के बीच में ही उइगरों की हिमायत में भी वीडियो में बात कर दी। सोशल मीडिया के पैंतरों में इसे बेट-एंड-स्विच कहते हैं, यानि किसी और विषय का हवाला देकर ऑडियंस को बुलाना, और फिर किसी और ही दिशा में उन्हें घुमा ले जाना।
40 सेकंड का यह वीडियो तेज़ी से टिकटॉक पर वायरल हो गया। इतना ज़्यादा कि, इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, टिकटॉक का यूज़र बेस बेहद सीमित होने के बाद भी इसे 498,000 लोगों ने लाइक किया।
Here is a trick to getting longer lashes! #tiktok #muslim #muslimmemes #islam pic.twitter.com/r0JR0HrXbm
— feroza.x (@x_feroza) November 25, 2019
लेकिन इसके बाद टिकटॉक ने फ़िरोज़ा का अकाउंट सस्पेंड कर दिया। हालाँकि टिकटॉक की मालिक बाइटडांस के प्रवक्ता जॉश गार्टनर ने सफ़ाई दी है कि इस प्रतिबंध का कारण फ़िरोज़ा के फ़ोन से इसके पहले एक दूसरा अकाउंट चलता था, जिसने ओसामा बिन लादेन की तस्वीर पोस्ट की गई थी। गार्टनर भले यह दावा करें कि फ़िरोज़ा को सस्पेंड जिहादी कंटेंट शेयर करने के लिए किया गया है, लेकिन इससे इस धारणा को और बल ही मिला है कि बाइटडांस ऐसे कंटेंट को सेंसर करने की फ़िराक में रहती है, जो चीन के खिलाफ हो या चीन की सरकार को पसंद न आए।
यह सर्वविदित है कि चीनी कम्पनियाँ चीनी सरकार और उसकी विदेश नीति के हुक्म की तामील करतीं हैं। विदेशी कंपनियों तक को चीन घुटने पर ला चुका है। अमेरिकी बास्केटबॉल लीग एनबीए में एक फ्रेंचाइजी के मालिक ने हाल ही में हुए चीन-विरोधी हॉन्ग-कॉन्ग प्रदर्शनों के समर्थन में ट्वीट क्या कर दिया, पूरी लीग को चीन से गिड़गिड़ा कर माफ़ी माँगनी पड़ी।