Monday, December 23, 2024
Homeसोशल ट्रेंडFacebook ने 2 साल में हटाए IS, अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों के 2.60 करोड़...

Facebook ने 2 साल में हटाए IS, अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों के 2.60 करोड़ हिंसक पोस्ट

"हमने बड़े स्तर पर आंतकी संगठनों के ग्रुप की पहचान की है। फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म पर उनकी विचारधारा को अनुमति नहीं देता है। कंपनी ने अब तक 200 से अधिक बेहद हिंसक पोस्ट हटाए हैं। इसके अलावा आतंकी ग्रुप्स के अकाउंट्स पर भी बैन लगाया है।"

सोशल मीडिया के जरिए फैल रही हिंसा को रोकने के लिए फेसबुक ने पिछले कुछ सालों में काफ़ी सख्ती बरती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सिर्फ़ पिछले 2 सालों में फेसबुक ने आतंकी संगठनों के करीब 2.60 करोड़ पोस्ट्स को अपने प्लैटफॉर्म से डिलीट किया है, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या IS और अलकायदा के पोस्टों की बताई जा रही है।

मंगलवार को इस विषय पर जानकारी देते हुए सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने बताया, “हमने बड़े स्तर पर आंतकी संगठनों के ग्रुप की पहचान की है। फेसबुक अपने प्लेटफॉर्म पर उनकी विचारधारा को अनुमति नहीं देता है। कंपनी ने अब तक 200 से अधिक बेहद हिंसक पोस्ट हटाए हैं। इसके अलावा आतंकी ग्रुप्स के अकाउंट्स पर भी बैन लगाया है। “

फेसबुक कंपनी के मुताबिक उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मानव विशेषज्ञता की मदद से इन आतंकी पोस्ट्स को डिलीट किया हैं। इसके अलावा फेसबुक ने ये भी बताया है कि न्यूजीलैंड के क्राइस्ट चर्च में हुए आतंकी हमले के बाद भी कुछ पोस्ट्स को हटाया गया था, जो कि फेसबुक के माध्यम से कट्टरता फैलाने का प्रयास कर रहे थे।

इसके बाद ही उन्होंने (फेसबुक ने) हिंसक कंटेंट की पहचान करने की दिशा में काम शुरु किया और गत नंवबर से हिंसक पोस्ट पर रोक लगाने के लिए नए नियम भी लागू किए थे।

अब इस कड़ी में फेसबुक दुनिया की दिग्गज टेक कंपनियों जैसे-गूगल, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और ट्विटर के साथ मिलकर 9 प्वॉइंट इंडस्ट्री प्लॉन तैयार कर रही है। जिनकी मदद से फेसबुक इस बात का पता लगाएगा कि आखिर कैसे इस प्लैटफॉर्म पर आतंक से जुड़े कंटेट को शेयर किया जाता है और कैसे वो अपनी नीतियों में बदलाव लाकर हिंसक पोस्ट्स को रोक सकते हैं।

उन्होंने कहा है कि हमें बुराई फैलाने वाले पोस्ट्स के ख़िलाफ़ लगातार कड़े कदम उठाने होंगे, क्योंकि हम जानते हैं कि ऐसे संगठन जो बुराई फैलाते हैं वे भी अपने काम को जारी रखेंगे। हमें लगता है कि मिलकर उठाए गए कदमों से इस काम में सफलता मिलेगी।

फेसबुक ने इस दौरान क्राइस्टचर्च पर हुए हमले के वीडियो पर सफाई देते हुए भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि हमले से संबंधित एक वीडियो ने ऑटोमैटिक डिटेक्शन सिस्टम को संकेत नहीं दिया था, क्योंकि इससे पहले यूजर्स ने इस प्लेटफॉर्म पर हिंसक कंटेंट को नहीं देखा था। जिस कारण से फेसबुक मशीन का लर्निंग सिस्टम इसे नहीं रोक पाया। लेकिन अब कंपनी इस तरह की हिंसक सामग्री पर रोक लगाने के लिए ब्रिटेन और अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -