Monday, November 18, 2024
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कौन है Canadian Pappu, क्यों राहुल गाँधी से जोड़ा जा रहा है नाम: 7 उदाहरणों से समझें

राहुल गाँधी की ही तरह कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भी अक्सर 'कनाडाई पप्पू' कहा जाता है। इसका मुख्य कारण है राहुल गाँधी की पीआर और मार्केटिंग टीम जोकि अक्सर ट्रूडो से प्रेरित दिखाई देती है। यहाँ कुछ ऐसे उदाहरण है जिससे आप दो राजनीतिक नेताओं में एक ही तरह की समानता देखेंगे।

कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और आलाकमान के बेटे राहुल गाँधी के पॉलिटिकल स्टंट में कनाडाई PM से बेहद खास समानता पाए जाने की वजह से कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भी अक्सर ‘कनाडाई पप्पू’ कहा जाता है। इसका मुख्य कारण है राहुल गाँधी की पीआर और मार्केटिंग टीम जोकि अक्सर ट्रूडो से प्रेरित दिखाई देती है। यहाँ कुछ ऐसे उदाहरण है जिससे आप दो राजनीतिक नेताओं की हरकतों में एक ही तरह की समानता देखेंगे।

अपने आप को बुद्धिमान दर्शाना

जस्टिन ट्रूडो 2016 में एक रिपोर्टर को क्वांटम कंप्यूटिंग का पाठ सिखाने लग गए। वहीं उनके इस लड़कपन को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने उनपर जमकर कटाक्ष किया।

वहीं दूसरी ओर हमारे नेता राहुल गाँधी ने फैसला किया कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक सभा को संबोधित करेंगे।

हालाँकि, कुछ दिनों बाद पता चला कि वह सिर्फ इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस की एक सभा को संबोधित करने जा रहे थे और वास्तव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे किसी मुद्दे पर वो कोई बातचीत नहीं करेंगे।

फिटनेस

वहीं कनाडा के ट्रूडो को उनके फिटनेस के लिए भी जाना जाता है। साथ ही वे दुनिया के सबसे फिट नेताओं की लिस्ट में भी शामिल है। वह बॉक्सिंग करते है, साथ ही उन्हें एक हाथ बच्चें को पकड़ते और एक हाथ से स्पोर्ट्स का कोई एक्टिविटी करते हुए भी देखा गया गया है जिसके चलते भी उन्हें फिट कहा जाता है।

वहीं इसकी दूसरी तरफ राहुल गाँधी अचानक से एक दिन एकेडो (एक जापानी मार्शल आर्ट) में विशेषज्ञ बन जाते है।

बता दें एक दिन अचानक से सबके सामने यह खबर आती है कि राहुल गाँधी न केवल ऐकिडो को जानते हैं, बल्कि वह इसमें एक ‘ब्लैक बेल्ट’ खिलाड़ी भी हैं। इतना ही नहीं राहुल जाहिर तौर पर शूटिंग विशेषज्ञ भी हैं। वहीं राहुल गाँधी की कुछ ऐकिडो मूव्स करते हुए वीडियो भी वायरल हुई थी और शायद वह आखिरी वीडियो भी थी जिसे पीआर टीम ने सिर्फ दिखावे के लिए रिलीज किया था।

पिडी और केंजीए (Pidi and Kenzie)

आपको याद होगा कि जब कॉन्ग्रेस असम में हार गई उस समय पिडी यानी कि राहुल गाँधी का पालतू कुत्ता किस प्रकार प्रसिद्ध हुआ था, क्योंकि चुनाव के दरमियान राहुल गाँधी ने पार्टी की समस्याओं पर चर्चा करने के बजाय अपने पालतू कुत्ते के साथ खेलना ज्यादा उचित समझा। ट्रूडो ने राहुल गाँधी का यह स्टंट पहले किया था। दरअसल, उन्होंने चुनाव के दौरान तो ऐसा नहीं किया लेकिन अपने पालतू कुत्ते को दुनिया से जरूर रूबरू कराया।

जस्टिन ट्रूडो ने 2016 में ट्विटर पर अपने पालतू कुत्ते के बच्चे को लेकर घोषणा की थी।

जिसके बाद मीडिया ने उसे प्रधानमंत्री के परिवार का नया सदस्य बताते हुए जमकर मजे लिए।

जिसके एक साल बाद राहुल गाँधी ने भी अपने ‘प्यारे’ दोस्त यानी अपने पालतू कुत्ते का खुलासा किया था।

राहुल गाँधी के इस ट्वीट पर उन्हीं के पार्टी के पूर्व नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने चुनाव को इससे जोड़ते हुए कटाक्ष किया था। जोकि असल मे राहुल गाँधी को बहुत चुभा होगा।

अचानक से दयालु दिखना

2016 में ट्रूडो की एक छोटे बच्चें के साथ बैठे हुए एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। दरअसल वह फ़ोटो 2015 की थी जब ट्रूडो एक स्कूल के बच्चे को सांत्वना दे रहे थे क्योंकि स्कूल में उसका दिन खराब गया था।

उसी प्रकार की ट्रूडो की एक और फोटो वायरल हुई थी, जिसमें उन्हें वीलचेयर पर बैठे एक आदमी की मदद करते हुए देखा गया था।

उसी प्रकार हमारे नेता राहुल गाँधी भी एक पत्रकार को बचाते हुए दिखे थे जोकि घायल हो गया था। दूसरी तरफ कॉन्ग्रेस के कार्यकत्ताओं ने कुछ दिनों बाद ही 1 पत्रकार को सिर्फ इसीलिए पीटा क्योंकि वह सार्वजनिक रैली में खाली कुर्सियों की फ़ोटो खींच रहा था।

फैंस

फैंस की बात करे तो जस्टिन ट्रूडो ने काफी फैंस है।

तो दूसरी तरफ हमारे नेता तो फैंस से मिलने के लिए बस तक से भी उतर जाते है।

जन्मदिन

राहुल गाँधी ने 2017 में बहुत ही बेबाकी से कॉन्ग्रेस समर्थक के 107 वर्षीय दादी को जन्मदिन की बधाई दी थी। इतना ही नहीं उन्होंने उसे मिलने के लिए भी बुलाया था।

लेकिन ये क्या जस्टिन ट्रूडो उनके पहले ही यह कर चुके हैं।

120 साल की महिला ने अपने जन्मदिन पर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो से मिलने की इच्छा जताई थी।

तुलना और विरोधाभास

गौरतलब है कि राहुल गाँधी और जस्टिन ट्रूडो दोनों मजबूत राजनीतिक परिवारों से आते हैं। राहुल गाँधी के पिता, दादी और परदादा सभी भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं। ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो भी कनाडा के प्रधानमंत्री थे। लेकिन कनाडा में ट्रूडो के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने 2015 का चुनाव जीता तो वहीं राहुल गाँधी के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस 2019 के आम चुनावों में बहुत ही बुरी तरह हारी थी।

राहुल गाँधी वास्तव में जस्टिन ट्रूडो से प्रेरित हैं या नहीं यह कोई नहीं जानता है, लेकिन उनकी पीआर रणनीति समानताएं सोचने योग्य है। जिस वजह से ट्रूडो को कनाडा के राहुल गाँधी के समकक्ष जाना जाता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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