क्या आपको कमलेश तिवारी याद हैं? साल 2015 में पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद से उनका जीवन खतरे में पड़ गया था। जेल में महीनों बिताने और अपनी जिंदगी पर लगातार खतरों का सामना करने के बाद, अक्टूबर 2019 में उनकी हत्या हो गई थी।
कमलेश तिवारी की कहानी को एक बार फिर दोहराया जा रहा है क्योंकि कर्नाटक में एक कॉन्ग्रेस विधायक के भतीजे नवीन के खिलाफ इसी तरह से आक्रामक भीड़ द्वारा हमला हुआ है। बेंगलुरु के शांतिपूर्ण शहर को हिलाकर रख देने वाले दंगों ने इसी तरह का असर दिखाना शुरू कर दिया है, जिस प्रकार कमलेश तिवारी की टिप्पणी के बाद सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था।
फेसबुक और ट्विटर, दोनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नवीन के खिलाफ किए गए पोस्ट और टिप्पणियों से भरे हुए हैं। ‘शांतिपूर्ण समुदाय’ के लोग उत्तेजक और आक्रामक भाषा में उनके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इसके साथ वे यह भी पूछ रहे कि अभी तक उसकी हत्या क्यों नहीं हुई?
फेसबुक पर एक ‘ज़ून गैश’ नाम के एकाउंट से कुछ टिप्पणियाँ पोस्ट की गई हैं। कमलेश तिवारी के मामले में जैसा उन्होंने किया, कुछ वैसे ही नवीन को मारने की भी खुली धमकी दी जा रही है।
शाहिद नाम का यूजर पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ बोलने पर नवीन को जान से मारने की धमकी दे रहा है।
वहीं कामिल नाम का एक शख्स नवीन की गर्दन उड़ाने की बात कह रहा।
इम्तियाज़ एक कमेंट में नवीन की मौत की बात कर रहा है।
अहमद एक कुत्ते की तरह नवीन को मारना चाहता है।
अदनान ने दावा किया कि नवीन को जल्द ही मार दिया जाएगा।
शौकत कहता है कि नवीन को मारना भूलना मत।
अब तक इस दंगे में तीन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। दंगों में 60 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने अब तक 110 आगजनी करने वालों को गिरफ्तार किया है। पूरे बेंगलुरु शहर में धारा 144 लगा दी गई है।
जिस दलित विधायक के भतीजे नवीन ने टिप्पणी पोस्ट की, उसका घर जला दिया गया है। गौरतलब है कि हमेशा की तरह लिबरल्स गिरोह ‘शांतिपूर्ण समुदाय’ के लिए ‘दंगों का अधिकार’ को सही ठहराएँगे।
3 people dead, 60 policemen injured, 110 arsonists arrested, section 144 in entire city of #Bengaluru, Dalit MLA’s house burnt
— #RamRajya Begins🛕🚩 (@TapasNiyama) August 12, 2020
Because of a TRUE FB post. Now watch liberals twist themselves justifying this with why ‘Right to Riot’ is a fundamental right for a community. pic.twitter.com/64F90GZBdw
मालदा का ख़ौफनाक दंगा
बेंगलुरु में कल हुए दंगों ने मालदा के दंगों की याद दिला दी ,जब 2 लाख से अधिक कट्टरपंथी सड़कों पर निकले थे, जबकि कमलेश तिवारी उस वक्त जेल में थे। उन्होंने यह माँग रखी थी कि तिवारी को उनकी टिप्पणी के लिए मार दिया जाना चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर करोड़ों का नुकसान पहुँचया था। इसके अलावा, बीएसएफ की एक वाहन को भी दंगों में झोंक दिया गया था। उन्होंने कालियाचक थाना क्षेत्र में कई घरों को जला दिया और दंगे करते हुए कई दुकानों को भी लूट लिया गया था।