Monday, November 4, 2024
Homeदेश-समाजकमलेश तिवारी की हत्या की निंदा नहीं करूँगा, वो इसी लायक था: राजनीतिक विश्लेषक...

कमलेश तिवारी की हत्या की निंदा नहीं करूँगा, वो इसी लायक था: राजनीतिक विश्लेषक अब्दुल रज्जाक ख़ान

कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को निर्मम हत्या कर दी थी। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। लेकिन, मुस्लिमों का एक वर्ग इस जघन्य वारदात की सराहना करता भी नजर आ रहा है।

हिंदुत्ववादी नेता कमलेश तिवारी की निर्मम हत्या पर सोशल मीडिया में हा-हा करते ‘शांतिदूत’ तो आपने बहुतेरे देखे होंगे। अब लाइव टीवी पर भी इस जघन्य वारदात की निंदा करने से इनकार किया जा रहा है। टाइम्स नाउ के एक डिबेट में शामिल राजनीतिक विश्लेषक अब्दुल रज्जाक खान ने कहा कि कमलेश तिवारी की हत्या की वे निंदा नहीं करेंगे और वह इसका हकदार था।

स्वयंभू राजनीतिक विश्लेषक ने ये बातें शनिवार (19 अक्टूबर) को तिवारी की हत्या पर चल रहे डिबेट शो के दौरान कही। बहस के दौरान खान ने इस घटना की निंदा से इनकार कर जोर देते हुए कहा कि तिवारी इसके ही हकदार थे।

टाइम्स नाउ टीवी चैनल पर चल रही लाइव चर्चा में 6 पैनलिस्ट शामिल थे। अब्दुल रज्जाक ख़ान बतौर राजनीतिक विश्लेषक चर्चा में भाग ले रहे थे। ख़ान कई राजनीतिक दलों से जुड़े रहे हैं। कथित तौर पर, वे बीबीएमपी नगरपालिका चुनावों में बसपा के उम्मीदवार थे। उससे पहले वे जेडीएस के प्रवक्ता भी रह चुके हैं।

गौरतलब है कि कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को निर्मम हत्या कर दी थी। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। लेकिन, मुस्लिमों का एक वर्ग इस जघन्य वारदात की सराहना करता भी नजर आ रहा है। सोशल मीडिया में कई लोगों ने उनकी हत्या को जायज ठहराया है।

बता दें कि मध्य प्रदेश के मुफ़्ती-ए-आज़म के अब्दुल रज्जाक ने कमलेश तिवारी के खिलाफ 2016 में लोगों को क़ानून हाथ में लेने के लिए उकसाया था। रज्जाक ने कहा था,

“हम पूरी निष्ठा के साथ भारत में रहते हैं और उम्मीद करते हैं कि भारत के कानून हमारे धार्मिक भावनाओं के प्रति निष्पक्ष और ईमानदार रहेंगे, खासकर पैगंबर के मामले में। लेकिन यदि कानून हमें न्याय प्रदान नहीं करता है, तो हमारे लिए कानून के प्रति वफादार रहना कठिन होगा और हमें इसे अपने हाथों में लेना होगा।”

उल्लेखनीय है कि कमलेश तिवारी की पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बयान के बाद आई थी। आजम खान ने एक विवादास्पद बयान देते हुए कहा था कि आरएसएस के सदस्य समलैंगिक होते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मंदिर में घुसे खालिस्तानी, हिंदुओं को दौड़-दौड़ा कर लाठी-डंडे से पीटा: कनाडा में हमले के बाद घिरे जस्टिन ट्रूडो, भारतवंशी MP बोले- कट्टरपंथियों ने...

हिंदू सभा में खालिस्तानी भीड़ के हमले के बाद अफरा-तफरी मच गई। वीडियो सामने आई जिसमें खालिस्तानी झंडा लिए लोग श्रद्धालुओं पर लाठी बरसाते दिखे।

संथाल बहुल गाँव में आज एक भी ST परिवार नहीं, सरना गायब… मस्जिद-मदरसों की बाढ़: झारखंड चुनाव का घुसपैठ बना मुद्दा, जमीन पर असर...

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और अदालत के तीखे सवालों से बाहर निकल झारखंड में घुसपैठ का मुद्दा, अब विधानसभा चुनाव के केंद्र में है। क्या होगा इसका असर?

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -