Wednesday, November 6, 2024
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जिस कंगना रनौत को मिले हैं 4 राष्ट्रीय पुरस्कार, उसे ‘पद्मश्री’ मिलता देख लिबरलों का जायका बिगड़ा: ट्विटर पर निकाली भड़ास

पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कंगना ने अपने फैंस से इस खुशी को इंस्टाग्राम पर बाँटा। उन्होंने कहा कि एक अभिने​त्री के तौर पर उनके काम के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले थे, लेकिन पद्मश्री मिलने के बाद उन्हें अहसास हुआ कि देश उन्हें एक 'आदर्श नागरिक' के रूप में भी महत्व देता है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 नवंबर 2021 को विभिन्न क्षेत्रों के पद्म पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और सुषमा स्वराज को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। खेल जगत से बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू को पद्म भूषण और फिल्म जगत से एक्ट्रेस कंगना रनौत, गायक अदनान सामी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में कुल 119 लोगों को पुरस्कार प्रदान किए। 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण यह समारोह आयोजित नहीं किया जा सका था। ‘मणिकर्णिका’ फिल्म की अभिनेत्री कंगना रनौत को पद्मश्री पुरस्कार देना वामपंथी झुकाव वाले तथाकथित बुद्धिजीवियों को रास नहीं आया है। यही कारण है कि लिबरल अजीबोगरीब तर्क ​देकर एक्ट्रेस को ट्विटर पर घेर रहे हैं।

अजीबोगरीब तर्क से ट्विटर पर विरोध

स्वीडन में उप्साला विश्वविद्यालय (Uppsala University) के प्रोफेसर अशोक स्वैन अक्सर ट्विटर पर फर्जी खबरें फैलाते हुए पाए जाते हैं। उन्होंने कंगना को पद्मश्री अवॉर्ड मिलने के बाद अपनी पीड़ा व्यक्त की। एएनआई के एक ट्वीट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “भारत का सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार किसी ऐसे व्यक्ति को दिया जा रहा है, जिसके ट्विटर अकाउंट को मुसलमानों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंधित कर दिया गया था।”

साभार: ट्विटर

इसी तरह, कॉन्ग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड की स्तंभकार मृणाल पांडे भी कंगना को पद्मश्री से सम्मानित करना नहीं पचा पाईं। उन्होंने राष्ट्रीय सम्मान के लिए कंगना की प्रतिक्रिया को कोट करते हुए आश्चर्य जताया कि क्या पद्म जोक्स सबसे अच्छे हैं।

साभार: ट्विटर

वामपंथी प्रचार वेबसाइट द वायर से जुड़ी पत्रकार आरफ़ा खानम शेरवानी जिन्हें कट्टरपंथी इस्लामवादियों का बचाव करने के लिए जाता है, उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने वाले स्पीच देने के लिए प्रतिबंधित लोगों का सम्मान करना नफरत का सम्मान करने के समान है।

साभार: ट्विटर

ट्विटर बॉयो में खुद को पत्रकार बताने वाले अमन सिंह ने ट्वीट किया, “नफरत फैलाने वालों को राष्ट्रीय सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उसने ट्विटर पर क्या लिखा था।”

साभार: ट्विटर

चार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी हैं कंगना

कंगना के विरोधियों ने ट्विटर द्वारा उनके अकाउंट को ब्लॉक करने का हवाल देकर आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि एक्ट्रेस को देश का प्रतिष्ठित सम्मान नहीं देना चाहिए था। ध्यान दें कि पद्म पुरस्कार सरकार द्वारा उन लोगों दिया जाता है, जो अपने कार्य क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं, ना कि ये देखकर कि ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनका अकाउंट है या नहीं। आतंकी संगठन तालिबान के भी ट्विटर पर कई अकाउंट हैं, जिसके जरिए वह दुनिया भर में आतंक फैलाता है। इसलिए, एक ट्विटर अकाउंट होना यह तय नहीं करता कि कौन पद्म पुरस्कार का हकदार है और कौन नहीं।

आपको बता दें कि कंगना को अब तक चार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। उन्हें हाल ही में ‘मणिकर्णिका: क्वीन ऑफ झाँसी’ और ‘पंगा’ में दमदार अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 2008 में ‘फैशन’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार, 2014 में ‘क्वीन’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार और 2015 में ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ के लिए भी राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था।

पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कंगना ने अपने फैंस से इस खुशी को इंस्टाग्राम पर बाँटा। उन्होंने कहा कि एक अभिने​त्री के तौर पर उनके काम के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले थे, लेकिन पद्मश्री मिलने के बाद उन्हें अहसास हुआ कि देश उन्हें एक ‘आदर्श नागरिक’ के रूप में भी महत्व देता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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