कश्मीरी पंडितों पर वर्ष 1990 में अपने ही देश में हुए अत्याचारों को आज 30 वर्ष गुजर चुके हैं। लेकिन कश्मीरी पंडितों के दिलों में वह याद आज भी ताजा हैं। आज उन दिनों को याद कर किसी पीड़ित की आँखों में आँसू हैं तो किसी पीड़ित की आँखों में एक आस कि “हम वापस आएँगे।”
अपने ही देश में शरणार्थी बन कर रहे कश्मीरी पंडितों को अपनी दास्तां सुनाते-सुनाते आज पूरे तीस साल गुजर चुके हैं। आज ही के दिन कश्मीर में पंडितों पर हुए नरसंहार के वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर याद कर रहे हैं और आने वाली फ़िल्म शिकारा के डायलॉग ‘हम आएँगे अपने वतन’ के जरिए अपनी भावना व्यक्त कर रहे हैं।
इस फ़िल्म को विधु विनोद चोपड़ा ने लेखक राहुल पंडिता की किताब ‘Our Moon Has Clots’ पर बनाया है। ट्विटर पर हम वापस आएँगे (#HumWapasAyenge) ट्रेंड कर रहा है।
आगामी 7 फरवरी को रिलीज़ होने वाली फ़िल्म शिकारा में कश्मीरी पंडित पलायन की भयावह घटनाओं को दिखाया गया है, जो 19 जनवरी 1990 को हुई थी। जब इस्लामिक आतंकवादियों ने नरसंहार की धमकी देकर लाखों कश्मीरी पंडितों को घाटी स्थित अपने घरों से भागने के लिए मजबूर कर दिया था।
प्रसिद्ध राजनीतिक टिप्पणीकार #HumWapasAayenge के साथ अपने बचपन की एक फ़ोटो साझा करते हुए लिखा है कि मेरे पास अपने बचपन की कई तस्वीरें नहीं हैं। जीवन और फैमिली एलबम के बीच चयन करने में कोई विकल्प नहीं है। जान बचाने के दौरान फैमली एलबम पीछे छूट गए। 30 साल हो गए। घर वापस जाने का संकल्प केवल मजबूत हुआ है।
I don’t have many pictures left of my childhood. Choosing between life and family albums is really no choice at all. When lives were rescued, family albums got left behind. 30 years have passed. Resolve to go back home has only strengthened. #HumWapasAayenge pic.twitter.com/mZr14n95a8
— Sunanda Vashisht (@sunandavashisht) January 18, 2020
पत्रकार राहुल पंडिता ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए कश्मीर वापस लौटने की इच्छा व्यक्त की। इसमें उन्होंने कहा है, “हम आएँगे अपने वतन हाजी साहब औऱ यहीं दिल लगाएँगे। यहीं पर मरेंगे और यहीं के पानी में हमारी राख बहाई जाएगी।
30 years of exile from Kashmir. Let us now pledge that we will return home.
— Rahul Pandita (@rahulpandita) January 17, 2020
[Kashmiri Pandit friends: please record this video statement and put it up with #HumWapasAayenge ] pic.twitter.com/d0PBXx7QRU
पंडिता के इस वीडियो के जरिए कई अन्य पीड़ितों ने भी कश्मीर लौटने का अपना इरादा जताया है।
Tomorrow is 19 Jan, 30 years after exile #HumWapasAayenge. Jai hind ?? pic.twitter.com/ShQVqrntMG
— Rohit (@rohitkp_) January 18, 2020
Nothing can heal the corroded memories of a Kashmiri Pandit’s life.. but a hope is alive.. that #HumWapasAayenge pic.twitter.com/0XX7bT3wlu
— Acancsha Bhat (@bhatallion) January 18, 2020
We dont live in Kashmir any more but Kashmir lives in us. We left Kashmir with our body but left our soul there which is still wandering in the meadows, mountains, lakes and streams. One day we will return and reunite our body with our soul. #HumWapasAayenge #KashmiriPandits pic.twitter.com/Yimo8o8yZU
— Rajesh Raina راجیش رینہ राजेश रैना (@rainarajesh) January 18, 2020
ट्विटर पर चलाए गए इस अभियान को बहुत से लोगों ने अपने-अपने करीक़े से अपना समर्थन दिया। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जुलाई 2019 में घोषणा की थी कि केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों को घाटी में वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इतना ही नहीं शाह ने कश्मीरी पंडितों को भरोसा दिलाया था कि एक समय आएगा कि जब वे प्रसिद्ध खीर भवानी मंदिर में प्रार्थना करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ह्यूस्टन में कश्मीरी पंडितों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करते हुए कहा था, ”आपको बहुत नुकसान हुआ है और नए कश्मीर के निर्माण की ओर बढ़ने का समय आ गया है।”