राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आते ही हिन्दुओं की आस्था पर मुहर लग गई और साथ ही वामपंथी ब्रिगेड भी पागल हो उठा। कइयों ने राम मंदिर की जगह हॉस्पिटल-स्कूल की माँग दोहराई तो कइयों ने बाबरी मस्जिद ध्वस्त किए जाने वाली घटना को याद कर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर ही सवाल उठाए। उधर कविता कृष्णन भी इस फ़ैसले से ख़ासी नाराज़ नज़र आईं। उन्होंने बाबरी मस्जिद को ट्विटर पर अपनी कवर फोटो बना कर इस फ़ैसले का विरोध किया। साथ ही उन्होंने दावा किया कि विरोध करने का उनका अधिकार कोई नहीं छीन सकता।
इस बीच वामपंथी ब्रिगेड में फुट भी पड़ गई। यूट्यूब के माध्यम से झूठ फैलाने वाले ध्रुव राठी ने एक ऐसा ट्वीट किया, जिसने कविता कृष्णन को नाराज़ कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से बौखलाईं कविता को अपनी ही गुट के किसी व्यक्ति द्वारा ऐसा ट्वीट करना जले पर नमक के समान लगा। दरअसल, ध्रुव राठी ने अपनी ट्वीट में लिखा:
“आज भारत की एकता और सेक्युलरिज़्म के लिए एक अभूतपूर्व दिन है। राम मंदिर बनेगा। मस्जिद भी बनेगा। करतारपुर साहिब कॉरिडोर खुल गया। भारत और पाकिस्तान फिर से एक-दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं। अर्थात, सभी तीनों धर्मों को सम्मान मिला है। और सबसे बड़ी बात, यह दिन लोगों के लिए टीवी पर धार्मिक बहसों के ख़त्म होने का दिन हो सकता है।”
बस, फिर क्या था? कविता कृष्णन नाराज़ हो गईं कि ध्रुव ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का समर्थन कैसे कर दिया? यूट्यब पर प्रोपेगंडा फैलाने वाला ध्रुव मंदिर बनाने की बातें क्यों कर रहा है, कविता कृष्णन की नाराज़गी की श्याद यही वजह रही होगी। वामपंथियों के हिसाब से तो राम कोई थे ही नहीं, उनका अस्तित्व ही नहीं था, तो राम जन्मभूमि का सवाल कहाँ से आता है? फिर कविता ने ध्रुव को फटकार दिया। उन्हें ट्विटर पर अनफॉलो कर दिया। राठी को डाँटते हुए पूछा कि वो इतना अनभिज्ञ कैसे हो सकता है?
Since Dhruv acknowledged डी tweet, I’m following again, and will continue to engage & educate (not him necessarily but any1). My main point is that “A little learning is a dangerous thing”, & society is one subject where shallow drinking intoxicates, while deep draughts sober us https://t.co/jYdEMXvvoq pic.twitter.com/3STBPe9OQw
— Kavita Krishnan (@kavita_krishnan) November 10, 2019
इसके बाद कविता कृष्णन ने आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने लिखा कि ध्रुव राठी कभी अपनी आलोचना को स्वीकार नहीं करता है। बकौल कविता कृष्णन, स्वस्थ आलोचना को नज़रअंदाज़ करने वाला ध्रुव कभी इस बात को नहीं समझता कि उसे काफ़ी कुछ सीखने की ज़रूरत है। वामपंथी गैंग के इस डिजिटल सिर-फुटव्वल का लोगों ने सोशल मीडिया पर लुत्फ़ उठाया। हालाँकि, अगले ही दिन कविता कृष्णन ने ध्रुव राठी को फिर से फॉलो कर दिया और लिखा कि ध्रुव ने उनके ट्वीट पर ध्यान दे दिया है, इसलिए वो उन्हें फिर से फॉलो कर रही हैं।
कविता कृष्णन ने लिखा कि ध्रुव राठी को उचित शिक्षा और मार्गदर्शन की ज़रूरत है, जो वो देती रहेंगी। साथ ही कविता ने ‘अधजल गगरी छलकत जाए’ कहावत का जिक्र करते हुए बताया कि वो ध्रुव से बातचीत करती रहेंगी। कविता कृष्णन ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की तुलना बाबरी ध्वस्त करने वालों से की है। उन्होंने एक कार्टून पोस्ट कर ऐसा किया।