सुप्रीम कोर्ट के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कथित कॉमेडियन कुणाल कामरा पर सुप्रीम कोर्ट के अपमान पर आपराधिक मुकदमा चलाने की अनुमति पहले से ही थी। अब इसमें कामरा के नए ट्वीट और गाली वाली वीडियो भी शामिल होगी। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इसकी अनुमति दे दी है। इस आदेश का एक पत्र 7 मार्च (सोमवार) को जारी हुआ है।
#Justin: Attorney General K K Venugopal grants permission for initiation of contempt proceedings against @kunalkamra88 for his recent remarks against #SupremeCourt.
— Ananya Bhatnagar (@anany_b) March 9, 2022
Breaking on @republic.#kunalkamra @shashank_ssj pic.twitter.com/1YgpkUsooO
सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2020 में कुणाल कामरा को एक लिबरल ‘हीरो’ या ‘शहीद’ बनने की कोशिश में न्यायपालिका के खिलाफ अवमानना वाली टिप्पणी करने के बाद कार्रवाई को लेकर एक नोटिस जारी किया था। अपने एक ट्वीट में कामरा ने तत्कालीन सीजेआई अरविंद बोबडे को अपनी मध्यमा उंगली दिखाई थी और दूसरे ट्वीट में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को भगवा रंग में रंगते हुए आरोप लगाया था कि यह एनडीए सरकार की कठपुतली बन गई है।
The respect for My lords. pic.twitter.com/BzHrrHFAUh
— अंकित जैन (@indiantweeter) March 4, 2022
कामरा ने आगे कहा था, “देश का सर्वोच्च न्यायालय, जिसे मैं भी नहीं मानता… मैं एक शॉपिंग मॉल के फूड कोर्ट का अधिक सम्मान करता हूँ… कम से कम यह विभिन्न संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व करता है। देश का सर्वोच्च न्यायालय ‘ब्राह्मण-बनिया’ का मामला है। मैं इसका सम्मान नहीं करता।”
सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही चल रहे अपने अवमानना केस को लेकर कामरा ने इसी साल मार्च महीने में कहा, “प्रिय सुप्रीम कोर्ट! कल की बातें भूल जा, ल*ड़ा पकड़ के झूल जा।” कामरा यहीं नहीं रुके। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और जजों के खिलाफ लगातार ट्वीट किए।
पहले ट्वीट में कामरा ने सुप्रीम कोर्ट की तुलना सुप्रीम जोक से की। अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, “जिस गति से सुप्रीम कोर्ट ‘राष्ट्रीय हितों’ के मामलों में काम करता है, अब समय आ गया है कि हम महात्मा गाँधी की तस्वीर को हरीश साल्वे की तस्वीर से बदल दें।”
अपने तीसरे ट्वीट में उन्होंने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की तुलना ‘प्रथम श्रेणी के यात्रियों को शैंपेन परोसने वाले फ्लाइट अटेंडेंट’ से की, जो तेज सेवा देता है। जबकि आम लोगों को यह नहीं पता था कि वे कभी सवार होंगे या बैठे होंगे, सेवा की तो बात ही छोड़िए।” आखिरी ट्वीट में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट या उसके जजों का जिक्र करते हुए वकीलों को उनके लिए ‘माननीय’ का इस्तेमाल बंद करने के लिए उकसाया। उन्होंने कहा, “यहाँ सम्मान ने बहुत पहले साथ छोड़ दिया है।”
कामरा ने सुप्रीम कोर्ट की इमारत की एक मॉर्फ्ड तस्वीर भी पोस्ट की थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के प्रवेश द्वार पर बीजेपी का झंडा फहराया गया था। मुंबई के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कहा कि अगर अदालत ने कामरा द्वारा दिए गए अपमानजनक बयानों पर कार्रवाई नहीं की तो उनके लाखों अनुयायी उन्हीं के रास्ते पर चलेंगे और जब फैसला उनके पक्ष में नहीं होगा तो इसी तरह के आरोप लगाएँगे।