Monday, November 18, 2024
Homeसोशल ट्रेंडराजीव गाँधी का नाम खेल रत्न पुरस्कार से हटा... और नीरज चोपड़ा को गोल्ड...

राजीव गाँधी का नाम खेल रत्न पुरस्कार से हटा… और नीरज चोपड़ा को गोल्ड मेडल: क्यों ट्रेंड कर रहा #पनौती

''भारत के नीरज चोपड़ा ने खेल रत्न का नाम बदलते ही गोल्ड मेडल जीत लिया। पुराने नाम में ही पनौती थी। नरेंद्र मोदी जी आपका राजीव गाँधी खेल रत्न का नाम बदलने का फैसला सही था। हम इसके लिए आपकी प्रशंसा करते हैं और नीरज सर को गोल्ड मेडल जीतने के लिए ढेर सारी बधाइयाँ।''

टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने जेवलिन में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। 2008 बीजिंग ओलंपिक के बाद यह भारत का पहला गोल्ड मेडल है। देश को गौरवान्वित क्षण देने वाले नीरज चोपड़ा को सोशल मीडिया पर पूरा देश जीत की बधाई दे रहा है। इसी बीच कुछ ऐसे भी सोशल मीडिया यूजर्स हैं, जो इस गोल्ड मेडल के लिए नीरज को बधाई देने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दे रहे हैं।

दरअसल, मोदी सरकार ने शुक्रवार (6 अगस्त 2021) को खेल से जुड़ा बड़ा फैसला लिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि खेल रत्न पुरस्कार अब मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिया जाएगा। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि इसके लिए देश भर से नागरिकों का आग्रह मिला है। खेल रत्न अब तक पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गॉंधी के नाम पर था। ऐसे में खेल रत्न का नाम बदलने के अगले ही दिन भारत की झोली में स्वर्ण पदक आने पर लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

ट्विटर पर प्रिया क्षेत्री नाम की यूजर ने लिखा, ”भारत के नीरज चोपड़ा ने खेल रत्न का नाम बदलते ही गोल्ड मेडल जीत लिया। पुराने नाम में ही पनौती थी। नरेंद्र मोदी जी आपका राजीव गाँधी खेल रत्न का नाम बदलने का फैसला सही था। हम इसके लिए आपकी प्रशंसा करते हैं और नीरज सर को गोल्ड मेडल जीतने के लिए ढेर सारी बधाइयाँ।”

एक अन्य यूजर ने लिखा, ”खेल रत्न पुरस्कार से पनौती राजीव गाँधी का नाम हटाए जाने के ठीक अगले दिन भारत ने एक ही दिन में रिकॉर्ड 2 ओलंपिक पदक जीते। एक स्वर्ण पदक और दूसरा कांस्य पदक।”

एक और यूजर ने लिखा, ”देखो क्या संयोग है। राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद पुरस्कार रखने के अगले ही दिन भारत की झोली में स्वर्ण पदक आ गया है।”

रितेश मोदी नाम के यूजर ने लिखा, ”राजीव गाँधी का खेल रत्न पुरस्कार से नाम हटाने के बाद पहला गोल्ड मेडल नीरज चोपड़ा को मिला। राजीव गाँधी पनौती।”

गौरतलब है कि 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के खांद्रा गाँव में जन्मे नीरज चोपड़ा एक किसान परिवार से आते हैं। बचपन में मोटापे के शिकार हुए नीरज को उनके घर वालों ने वजन कम करने के उद्देश्य से खेल खेलने के लिए भेजा था। शुरुआत में क्रिकेट खेलने वाले नीरज ने कई खिलाड़ियों को भाला फेंकते हुए देखा, तभी उनके मन में इस खेल के प्रति रूचि पैदा हुई और आज उन्होंने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -