‘प्रख्यात बुद्धिजीवी’ और पीआईएल एक्टिविस्ट वकील प्रशांत भूषण ने कानूनी गतिविधियों में कई असफलताओं के मिलने के बाद अब अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए नया पैंतरा आजमाया है। रोहिंग्या मामले में प्रशांत भूषण द्वारा दायर की गई याचिका में उनके पक्ष में फैसला न आने के बाद एंटी-मास्क को लेकर ट्वीट किया।
ऐसे समय में जब डॉक्टर और हेल्थकेयर विशेषज्ञ लोगों को कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के कारण मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं, भूषण ने मास्क के उपयोग के खिलाफ षड्यंत्रकारी सिद्धांतों का सहारा लिया है।
उनकी साजिश की वजह से बोर्ड की आलोचना हुई। भूषण की इस बयानबाजी से दुखी डॉ. अमित थडलानी ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें पता है कि परिकल्पना (hypothesis) का क्या मतलब है। एक परिकल्पना एक प्रस्ताव है जो एक अध्ययन या प्रयोग का विषय है जो अभी तक सच नहीं पाया गया है।
Do you understand the meaning of the word “hypothesis”, nutcase?
— Amit Thadhani (@amitsurg) April 10, 2021
अन्य लोगों ने भी डॉ. अमित थडलानी के स्टेटमेंट से सहमति जताई।
This guy is crazy. https://t.co/KvQkZ61dGf
— कुशल मेहरा (@kushal_mehra) April 10, 2021
दूसरों ने भी उन्हें उनके ट्वीट के लिए लताड़ लगाई।
This man is not stupid. He is vile disgusting creature, who spreads misinformation https://t.co/bhc8MZGSaw
— kaivalya (@Kaiivalya1) April 10, 2021
This man has no credibility to he a lawyer anymore. He has completely lost it after getting repeatedly thrashed by public and courts 😄 https://t.co/kahCVNpRAf
— Abhishek Mukherjee (@YogijiRoxx) April 10, 2021
राजनीतिक स्पेक्ट्रम के लोग ट्वीट के लिए उनकी निंदा कर रहे हैं।
Highly irresponsible tweet. https://t.co/LQVU53Fsxn
— Kapil (@kapsology) April 10, 2021
Dozens of studies have shown masks to be significantly protective against #Covid . And he picks up one which is a hypothesis. Don’t do this Sir. https://t.co/GqyWwfQa12
— Sumanth Raman (@sumanthraman) April 10, 2021
Disappointing. Anti vaxer. Now anti masker also. You can cherry pick any data to suit your beliefs. There are 100 studies which tell you otherwise. And an overworked exhausted medical community which is begging you to wear masks. This is irresponsible. https://t.co/0HHhKDEzrt
— Naomi Datta (@nowme_datta) April 10, 2021
अपने प्रोपेगेंडा ट्वीट के लिए सोशल मीडिया पर कई लोगों द्वारा लताड़े जाने पर प्रशांत भूषण ने माफी माँगने के बजाय बेशर्मी का उदाहरण दिया।
Without reading this very detailed meta study on the efficacy of masks,you continue to peddle establishment views on Covid,masks,Lockdowns&Vaccine.There is clear evidence on the many harmful effects of Lockdowns. The jury is still out on untested Vaccines under emergency approval https://t.co/NbxPjGJBsO
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) April 10, 2021
इससे पहले फरवरी में, पीआईएल कार्यकर्ता ने दावा किया था कि कोविद -19 देश में स्वाभाविक रूप से खत्म हो रहा था और उनका कहना था कि सरकार टीकों में निवेश करने से परहेज करे।