कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी और उनके सार्वजानिक भाषणों में जुटने वाली भीड़ अक्सर चर्चा का विषय रहती है। इसी के चलते कॉन्ग्रेस पार्टी और इसके कार्यकर्ता यह प्रयास करते देखे जाते हैं कि जब जिस शहर में राहुल गाँधी बोलें, तो वहाँ श्रोता कम से कम ‘ठीक-ठाक’ मात्रा में नजर आ जाएँ।
इस बार राजस्थान में 13 फरवरी को राहुल गाँधी की एक रैली हुई, जिसमें ‘भीड़ जुटाए जाने’ वाली रणनीति एक वायरल वीडियो के जरिए बहस का विषय बनी हुई है। ठीक एक साल पहले भी इसी तरह के आरोप राहुल गाँधी की रैलियों में भीड़ के जुटान को लेकर राजस्थान सरकार पर लगे थे। आरोप यह था कि राहुल गाँधी की रैली में भीड़ जुटाने के लिए एक ‘वायरल’ आदेश में कॉलेज की कक्षाएँ नहीं लगने की बात कही गईं थीं।
इसे लेकर तब भारी बवाल भी हुआ था और भाजपा ने फेसबुक, ट्विटर और वाट्सऐप पर इस आदेश की फोटो के साथ राजस्थान की राज्य सरकार पर रैली में भीड़ जुटाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए थे। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने रिट्वीट कर उठाया मुद्दा था।
क्या @ashokgehlot51 जी की सरकार के इतने बुरे दिन आ गए कि @RahulGandhi जी की रैली में स्कूल,कॉलेज,कोचिंगों के छात्रों को सत्ता के दम पर पाबन्द करके बुलाना पड़ा ?@RLPINDIAorg
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) January 28, 2020
ऐसे में, अब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक मजहबी गुरू लोगों से राहुल गाँधी की रैली में भारी मात्रा में इकठ्ठा होने के लिए कह रहा है।
ट्विटर पर ‘हम लोग We The People’ (@humlogindia) नाम के एक ट्विटर यूजर ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “आखिर कॉन्ग्रेस का विरोध क्यों जरूरी है.. राजस्थान में राहुल गाँधी की रैली के लिए भीड़ इकट्ठी करने के लिए बाकायदा मस्जिदों से 2025 का डर दिखाकर रैली में इकट्ठा होने का ऐलान किया गया।”
इस वायरल वीडियो में एक व्यक्ति मंच से कह रहा है, “जनाब राहुल गाँधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री जनाब अशोक गहलोत साहब और बहुत सारे मंत्री आ रहे हैं.. और इस मौके पर, जो टाइम दिया गया है… शहर में ऐलान भी हो रहे हैं, उसका आप ध्यान रखें और 13 फरवरी को सुबह 11 बजे अपने काम बंद कर के राज पब्लिक स्कूल के पास सभास्थल पर पहुँचकर अपनी जिंदादिली का सबूत पेश करें और एकजुटता का परिचय दें। ये इसलिए भी जरुरी है क्योंकि आपके सर पर 2025 की भी तलवार लटक रही है।”
आखिर कांग्रेस का विरोध क्यों जरूरी है..
— हम लोग We The People (@humlogindia) February 19, 2021
राजस्थान में राहुल गांधी की रैली के लिए भीड़ इकट्ठी करने के लिए बाकायदा मस्जिदों से 2025 का डर दिखाकर रैली में इकट्ठा होने का एलान किया गया.. pic.twitter.com/5HVz0PiElT
हालाँकि, इस वायरल वीडियो के वास्तविक स्रोत और तारीख की पुष्टि नहीं की गई है लेकिन ट्विटर पर इस वायरल वीडियो को बड़े स्तर पर शेयर किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि यही असली सेक्यूलरिज़्म है। वहीं, कुछ लोग इस वीडियो को लेकर कॉन्ग्रेस समर्थकों और वामपंथियों से भी सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर मुस्लिम समुदाय के लोग कॉन्ग्रेस को वोट क्यों देते हैं?
Sekoolarism in nutshell https://t.co/WDPfdkmhZo
— iMac_too (@iMac_too) February 19, 2021
एक ट्विटर यूजर ने पूछा है कि यही बात अगर किसी मंदिर में पुजारी ने कही होती तो?
यही बात अगर किसी मंदिर में पुजारी ने कही होती तो https://t.co/V2da1tGe41
— Malabika Parasar🇮🇳 (@MalabikaParasar) February 19, 2021
वास्तव में, लोगों के बीच यह वीडियो इस कारण वायरल हो रहा है क्योंकि उनका मानना है कि वीडियो में नजर आ रहा दाढ़ी वाला व्यक्ति एक मौलवी है और वो मस्जिद से 2025 (माना जा रहा है कि इस व्यक्ति का इशारा 2024 के आम चुनाव की ओर था) के आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए राहुल गाँधी की रैली में शामिल होने की अपील कर रहा था।
गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी गत 13 फरवरी को राजस्थान के अपने दौरे के दूसरे दिन अजमेर के पास रूपनगढ़ में किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदुस्तान का सबसे बड़ा व्यापार कृषि का है। उन्होंने कहा कि कानून रद्द किए बगैर अब सरकार से बात नहीं होगी।