Friday, November 15, 2024
Homeसोशल ट्रेंडसद्गुरु कनकधारा स्तोत्रम की बात कर रहे थे, ‘लिबरल्स’ ढूँढ रहे थे यौन सुख

सद्गुरु कनकधारा स्तोत्रम की बात कर रहे थे, ‘लिबरल्स’ ढूँढ रहे थे यौन सुख

सद्गुरु ने ‘गोल्डन शॉवर’ का इस्तेमाल कनकधारा स्तोत्रम के लिहाज से किया था। कनकधारा स्तोत्रम आदि शंकराचार्य रचित है। कहा जाता है कि जब आदि शंकराचार्य ने इसकी रचना की थी तो तो देवी लक्ष्मी ने स्वर्ण पुष्पों की बौछार की थी।

20 दिनों में 5 गोल्ड जीत कर देश का नाम रोशन करने वाली हिमा दास परिचय की मोहताज नहीं। स्वर्णिम प्रदर्शन से लाखों भारतीयों को उन्होंने अपना मुरीद बना लिया है। इनमें सद्गुरु वासुदेव जग्गी भी हैं। सद्गुरु ने उन्हें गोल्डन शॉवर बताया है।

इस शब्द से सद्गुरु का अभिप्राय स्वर्ण वर्षा से था। लेकिन, लिबरलों ने इसे पोर्नोग्राफी से जोड़ दिया। असल में अर्बन डिक्शनरी में ‘गोल्डन शॉवर’ स्लैंग की तरह इस्तेमाल होता है। इसका अर्थ होता है ‘सेक्शुअल डिजायर के लिए किसी के ऊपर पेशाब करना।’

सद्गुरु ने ट्वीट किया, “हिमा दास, भारत के लिए गोल्डन शॉवर (सोने की बारिश) की तरह हैं। बधाई और आशीर्वाद।” सद्गुरु ने यह ट्वीट 18 जुलाई को किया था। मगर 23-24 जुलाई से अचानक उनके इस ट्वीट की आलोचना होने लगी।

उनका मजाक उड़ाने वाले कथित बुद्धिजीवियों में एक नाम ट्विंकल खन्ना का भी है। उन्होंने ‘गोल्डन शॉवर’ पर सद्गुरू का मज़ाक उड़ाते हुए उसी तरह के शब्दों के इस्तेमाल किया जिस तरह के शब्द पुलवामा के आतंकियों ने इस्तेमाल किए थे। हालाँकि लोगों की नाराजगी के बाद ट्विंकल ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।

सद्गुरु ने ‘गोल्डन शॉवर’ का इस्तेमाल कनकधारा स्तोत्रम के लिहाज से किया था। कनकधारा स्तोत्रम आदि शंकराचार्य रचित है। कहा जाता है कि जब आदि शंकराचार्य ने इसकी रचना की थी तो तो देवी लक्ष्मी ने स्वर्ण पुष्पों की बौछार की थी।

आध्यात्मिक गुरु होने के नाते संभव है कि सद्गुरु को यह ज्ञात नहीं होगा कि ‘गोल्डन शॉवर’ एक स्लैंग है। ज्यादातर लोग इससे अनजान ही होंगे।

इसके अलावा, ‘गोल्डन शॉवर’ एक सुंदर फूल ‘कैसिया फिस्टुला’ को भी कहते हैं। इसका इस्तेमाल सजावट और हर्बल चिकित्सा में किया जाता है। यह थाइलैंड का राष्ट्रीय फूल भी है। साथ ही केरल का राजकीय पुष्प भी है।

जाहिर है कि ट्विंकल खन्ना को देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद या इस सुंदर फूल की विशेषताओं के बारे में कुछ नहीं पता था। लेकिन इस अनभिज्ञता ने उनकी कुत्सित मानसिकता को उजागर कर दिया है!

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को दी चिट… 500 जनजातीय लोगों पर बरसने लगी गोलियाँ: जब जंगल बचाने को बलिदान हो गईं टुरिया की...

अंग्रेज अफसर ने इंस्पेक्टर सदरुद्दीन को चिट दी जिसमें लिखा था- टीच देम लेसन। इसके बाद जंगल बचाने को जुटे 500 जनजातीय लोगों पर फायरिंग शुरू हो गई।

कश्मीर को बनाया विवाद का मुद्दा, पाकिस्तान से PoK भी नहीं लेना चाहते थे नेहरू: अमेरिकी दस्तावेजों से खुलासा, अब 370 की वापसी चाहता...

प्रधानमंत्री नेहरू पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर सौंपने को तैयार थे, यह खुलासा अमेरिकी दस्तावेज से हुआ है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -